डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ एक हज़ार वर्ष से अधिक की यात्रा में हिन्दी भाषा ने कई पड़ाव और प्रवाह देखे हैं। उस भाषा का सौन्दर्य इस बात का साक्षी है कि आज भारत के जनमानस के भीतर उस भाषा के प्रति अनुराग जागृत है और उसी भाषा से विश्व में […]
परिचर्चा संयोजक- डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ वर्तमान समय में देशभर में साहित्य का बोलबाला है। ऐसे दौर में महिला साहित्यकारों से समाज अधिक अपेक्षा करता भी है क्योंकि सृजन का पहला अधिकार आधी आबादी का रहा है। साहित्य जगत में महिलाओं ने अपनी भूमिका से सकारात्मकता का प्रसार किया है। […]
भारत का संविधान पर्व दिवस 26 जनवरी जनवरी को परम्परानुसार अखबारों के दफ्तरों में अवकाश रहा लिहाजा 27 जनवरी को अखबार नहीं आया और इक प्याली चाय सूनी-सूनी सी रह गयी. 28 तारीख को वापस चाय की प्याली में ताजगी आ गयी क्योंकि अखबार साथ में हाथ में था. अभी […]
माँ का जब भी लिया नाम मिल गए तभी चारों धाम माँ ही प्रभु माँ ही भगवन माँ तुझे करते नमन वंदन। माँ कभी लगे धूप छाँव सी पहेली माँ कभी पाठशाला अलबेली सी माँ कभी डांटे तो कभी पुकारती माँ जीवन मूल्य का पाठ पढ़ाती। माँ की लोरी सरिता […]
वर्तुलाकार में घुमती ज़िन्दगी इसी चक्रव्यूह में रहने और निकलने के बीच दृश्य होती है, प्रकृति की अठखेलियों और मानव जीवन की समानता। देखती हूं अपनी खिड़की से एक छोटा टूकड़ा व्योम का उस पर टंका हुआ है चांद अपनी पूरी चांदनी बिखेरता कहीं दूर बैठी धरती पर। देख लेती […]
वो जब भी ज़हन में आया – जाया करता है, दिल का काग़ज़ नम हो जाया करता है ! यूँ अंदर – अंदर सूखे के हालात बहुत, दिल बाहर – बाहर जश्न मनाया करता है ! दिल जैसे कोई डरा हुआ सा परिंदा जो, बस आहट पाते ही उड़ जाया […]
मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए।
आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं।
कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।