आई अभी चेतना भारी। वोट  डालते  मय तैयारी।। नील कंठ की जन जय बोलो। अपने मत  का  मान सतोलो।।१ अपना है अनुपम अधिकार। अपने  मत से  बने सरकार।। हम तब ही शिक्षित कहलाएँ। वोट  डालने  सब  जन जाएँ।।२ जन जन में फैला पैगाम। लोकतंत्र का हो सम्मान।। सब करना मतदान […]

1.✍ हार जीत के लग रहे, जहाँ, तहाँ अनुमान। मन से कर मतदान तू,   लोकतंत्र सम्मान।। 2.✍ जनता के आशीष से, जनमत की सरकार। जागरूक  मतदान  हो, फैले  नहीं  विकार।। 3.✍ जनमत का आदर करे, नेता  होय सुजान। बिना लोभ सद्भाव से, कर  देना  मतदान।। 4.✍ बहुत कीमती वोट है, […]

.       ……… वतन की हिफाजत करेंगें सखे। जतन भी  सही  हो सुरक्षा रखे। शहादत  करें  देश  हित  मे रहे। लहू भी  हमारा  वतन हित बहे। तिरंगा  सदा   ही  रहेगा गगन। हमेशा  रहे  देश  के हित मगन। बहे  धार गंगा  सदा  की तरह। करे जंग हम ही  हमेशा फतह। तराने  लिखूँ  […]

.             ‍♀ ** ‍♀ नई साल आती रहे,मन में हो शुभ भाव, करते  शुभकामना, सभी  हम  प्यार से। भारत धर्म संस्कृति,आए न कोई विकृति, मन  में  गुमान  रख, रहना    संस्कार  से। बार बार प्रयास हो,परिश्रम विश्वास हो, लक्ष्य पर  हो निगाह, डरो  नहीं हार से। शीतल स्वभाव रख,सफलता स्वाद चख, […]

.                     गिरे जब अश्क हैं  मेरे, उदासे चंद्र रवि तारे। शहीदी  मान में  गिरते, समंदर  सात ये हारे। सवा अरबों की माता हूँ, सुतों में नेह संचारी। बहेंगे अश्क मेरे तो, उठें मय जोश सुत सारे। .                     सुतों के खून से नाले,बहे इतिहास पढ़ना तो। धरा मे लालिमा ऐसी,रहा है […]

ये नेत्र मनुज के जन्मों से, सुखः दुःख दरश् पिपासू है। नयन सेज संचय से बहता, यह सीकर झरना आँसू है। मन के पावनतम भावो का, रस कल्पासव ही आँसू है। खुशियाँ,गम दोनों ले आते, बरबस जिज्ञासू आँसू है। उभय वर्गीय जीवन  इनका, यौवन जीवन है कुछ पल का। किसी […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।