आदत छोटी-सी उम्र से ही, मैंने देखा है पिता को रखते हुए घर का एक-एक हिसाब और तुम कहते हो, वे मुट्ठी में पादते हैं दादा को एक ही चिढ़ रही पिता की उस छोटी-सी नौकरी से सदा नौकरीपेशा होते हुए भी दादू ले लेना चाहते थे, पिता […]
सफलता की नई सीढ़ी , हमें चढ़ने नहीं देते। मुकामों को नए वो अब, हमें जड़ने नहीं देते॥ सदा ही दूर ही रहना, यहां इंसान कुछ ऐसे… हमें अपने यहां आगे, कभी बढ़ने नहीं देते॥ सफलता की नई सीढ़ी, चढ़ेंगे हम यहाँ यारों। कभी थप्पड़ उन्हीं मुँह पर, जड़ेंगे हम […]
खिलाफत करने वाले सब परों को छांट देंगे हम। बहा करके लहू अपना , धरा को पाट देंगे हम॥ उठी गर जो तिरंगे पर कभी ऊँगली किसी की तो, कसम माँ भारती की , हाथ उसका काट देंगे हम॥ […]
छमाछम हो रही बारिश, महक आती चकाचक है। कहीं पर हो रही टिप-टिप, कहीं होती टपाटप है॥ महक बनकर मिट्टी की सनम दिल में तुम समा जाओ, तुम्हारी याद में दिल में सदा होती धकधक है॥ […]
कब तक खून चढ़ेगा यारों, नक्सलवाद की रोटी पर। क्यों नहीं आग लगा देते तुम,इनकी अब लँगोटी पर।। सुकमा पूरा दहल गया है,नक्सल दहशतगर्दी में। आग लगाई जा रही है,चौराहे पर वर्दी में।। एक सर्जिकल करके तुम,पूरी दुनिया में घूम रहे। घर की आग बुझाओ पहले,किस मस्ती में झूम रहे।। […]
जवां हर दिल की कहानी लिखूँगा, तुम्हें रोज अपनी मैं रानी लिखूँगा। कभी मिट न पाए मुहब्बत ये’ अपनी, सनम चांद पर मैं निशानी लिखूँगा। ग़ज़ल बन लबों पर चली तुम यूँ’ आओ, बहर में सनम फिर जवानी लिखूँगा। बहकने लगा हूँ छुआ जब से’ तुमने, […]
आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है।
आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं।
मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया।
इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं।
हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।