आओ अपना अभिनय करें अपना अपना पार्ट अदा करें कोई किस भेष में कोई किस हम रोज नित नए सजा करें जिंदगी एक रंगमंच है भाई रोल खत्म तो जिंदगी खत्म सारे रिश्ते कुछ क्षणों के लिए लड़ाई झगड़े मन मुटाव देखे जिंदगी के सुख दुख सहेजते हम दौड़ रहे […]

   सुमित्रानंदन पंत का जन्म 20 मई 1900 को हुआ। हिंदी साहित्य में चगयवादी युग के प्रमुख कवियों में पंत जी का नाम प्रमुख है। इनका जन्म अल्मोड़ा जिले के कोसानी बागेश्वर उत्तराखंड में हुआ था। जन्म के 6 घण्टे बाद ही इनकी माता का निधन हो गया था। उनका […]

अलविदा बसंत फागुन आयो, रंग-बिरंगी संग होली लायो, चंग ढप ढोल डफली बजी, ढोल की थाप पर नाचे नर-नार रे, टेसू के फूल खिले रंग करो तैयार, इन रंगों में छिपा मधुर प्रेम व्यवहार, होलिका जलेगी सब होली मनाएंगे, राक्षसी वृतियां जलेगी होगा पाप का,  धर्म का प्रहलाद बचेगा होगी […]

मकर सक्रांति को उत्तरायण,माघी, खिचड़ी संक्रांति के नाम से भी जाना जाता है। प्रतिवर्ष हम सब मकर सक्रांति मनाते हैं। पोष माह में जब सूर्य धनु राशि से मकर राशि में प्रवेश करते हैं,इसीलिए इसे मकर सक्रांति कहते हैं।    यह सूर्य उपासना,सूर्य पूजा का दिन है। इस दिन सूर्य […]

आओ विकसित देश बनाएँ, ‘दृष्टि दो हज़ार बीस’ अपनाएं। सुंदर प्रकृति को हम बचाएं, गीत खुशी के मिलकर गाएँ। मरुस्थल के हम शूल हटाएँ, श्रम कर हम अन्न उपजाएँ। हरियाली चहुँओर फैलाएं, रंग-बिरंगे सुमन खिलाएँ। सागर को भी लांघ जाएं, प्रगति पथ पर बढ़ते जाएं। अपना हुनर भी दिखाएं, विकसित […]

 लो स्वागत कीजिए २०१८ का नई उमंग नव उल्लास के साथ लें नव संकल्प। घर में यदि आप अपने बच्चों को पर्याप्त समय नहीं दे रहे हों तो नए साल में ये संकल्प जरूर लें कि हम हमारे बच्चों को धन के साथ समय भी देंगे। परिवार में बुजुर्गों का […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।