जान लें सही अर्थों में जिंदगी के मायने। क्योंकि पल भर पहले ही रही है जो जिंदगी, उलझते ही नियति के चक्र में सुपुर्दे ख़ाक हो जाती है। देखते ही देखते राख हो जाती है। यही है सच्चाई जीवन की, पर समझकर भी नहीं समझते हैं हम जिंदगी के मायने। […]

ये मत समझ लेना कि, कंस और कारावास सिर्फ  वहीं  है जहाँ कृष्ण  है। सच  तो यह है कि, कंस और कारावास के बिना अधूरा हर प्रश्न है। जब मरती है एक के बाद एक सात संतानें, तब आठवें नम्बर पर जन्म पाता है कृष्ण। ठीक वैसे ही जैसे, जब […]

भाई-बहन के पवित्र  प्रेम का प्रतीक पर्व रक्षाबंधन महिला सुरक्षा का प्रतीक है। मध्य युग में महिलाओं पर अत्याचार बहुत  होते थे,तब अपनी सुरक्षा  के लिए महिलाओं द्वारा भाई की कलाई  पर राखी बांधकर सुरक्षा का वचन ले लिया जाता था। इसका भाई-बहन के सगे होने-न होने से भी कोई […]

  जिन्दगी नहीं है किसी पतंग से कम, आकर उड़ा लो अगर हो दम-खम। आओ पतंग से जिन्दगी के फलसफे को समझते हैं, बताते हैं उन्हें इसकी रंगत जो इसे बकवास समझते हैं। पतंग में भी होती है जातियां-नर और मादा, ढग्गा या ढांच पाता है पुरूषों-सा मान ज्यादा। तुक्कल […]

पूर्व राष्ट्रपति ए.पी.जे.अब्दुल कलाम कृतज्ञ राष्ट्र का स्वीकारो विनम्र सलाम, जमीन से उठे,आसमान पर छा गए श्रम और प्रतिभा के बूते कहां से कहां आ गए। अति साधारण नाविक पिता के घर  में जन्मे, लेकिन कुछ करने  का भाव रहा सदा मन में धन-दौलत से गरीब,पर मन से तुम सदा […]

अमरनाथ यात्रियों  की  मौत पर आंसू बहाऊं, या झुलसते बंगाल की दास्तान पहले सुनाऊं। बढ़ती महंगाई,भूख से बिलखतों को सहलाऊं, या अन्नदाता  की तबाही का मंजर तुम्हें दिखाऊं॥ आपस में  बंटते भाई-भाई की दास्तान सुनाऊं, या तार-तार होते सुनहरे सपनों का सच बताऊं। रहनुमा की रहनुमाई पर झर-झर आंसू बहाऊं, […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।