जिंदगी में सदा, मुस्कराते रहो। फासले कम करो, दिल मिलते चलो।। दर्द कैसा भी हो, आंखे नम न करो। रात काली ही सही, पर गम न करो। एक सितारा बनो, जगमगाते रहो। फासले काम करो, दिल मिलते चलो।। जिंदगी में सदा……।। बाटना है अगर, बाट लो हर खुशी। गम न […]
इस तरह से घयाल मत करो। दिल मेरा नाजुक है, कही टूट न जाये। और जो बन रही है बात। कही वो बीच में, छूट न जाये।। कोई तो होगा आपके दिल में। जिसके लिए आपका, दिल धड़कता होगा। तुम अपना दिल, जिसको दोगे इससे पहले। इस न चीज पर, […]
किसी कवि की इच्छा शक्ति के सहारे उसकी सर्वोत्तम कविता का किसी अखबार या पत्रिका में छप जाना, उसके लिए मानदेय मिल जाना, किसी पुरस्कार के लिए चयनित हो जाना या किसी प्रकाशक की मेज पर पहुंच कर किताब की शक्ल में पाठक दरबार की हाजरी लगा जाना भर ही […]
श्रध्दा भक्ति विनय समर्पण का इतना फल हो। मेरी दीक्षा गुरुवर तेरे कर कमलो से हो।। जन्म जन्म से भाव संजोये दीक्षा पायेगे। नग्न दिगंबर साधू बनकर ध्यान लगायेंगे। अनुकम्पा का बरदहस्त यह मेरे सिर धर दो।1। मेरी दीक्षा गुरुवर तेरे कर कमलो से हो। श्रध्दा भक्ति विनय समर्पण का […]
मेरे भी दिल मे अभी, उम्मीदे बहुत बाकी है। बस सभी का साथ चाहिए। पर्यावरण को बचाने के लिए । जिंदा दिल इंसानों का साथ चाहिए।। जो हर मोड़ पर साथ दे, इसे बचने के लिए।। तप्ती हुई इस धूप में, शीतल सी छाया चाहिए। जो हाल गर्मी से हो […]
जब से मिली है नजरे तुम से। दिल मे कुछ तो होने लगा है। था पहले कठोर और नीरस । अब वो मचलने और पिघलने लगा है।। अब क्या मेरे साथ हो रहा है। मुझे नही है कुछ भी खबर। दिल जो था मेरा नीरस सा, अब रसो से भरने […]
आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है।
आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं।
मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया।
इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं।
हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।