कब तक खून चढ़ेगा यारों, नक्सलवाद की रोटी पर। क्यों नहीं आग लगा देते तुम,इनकी अब लँगोटी पर।। सुकमा पूरा दहल गया है,नक्सल दहशतगर्दी में। आग लगाई जा रही है,चौराहे पर वर्दी में।। एक सर्जिकल करके तुम,पूरी दुनिया में घूम रहे। घर की आग बुझाओ पहले,किस मस्ती में झूम रहे।। […]