अंधकार को क्यों धिक्कारें, अच्छा हो एक दीप जलाएं। कर्मों की अदभुत ज्योति से, अपना जीवन पथ चमकाएं।। स्वार्थ साधना की आंधी में, सर्वत्र व्यापित है दुराचार। निर्माणों के नवीन युग में, हम चरित्र निर्माण करवाएं।। बना चुके बहुत रंगीन चित्र हम, अब अपना सुंदर चरित्र बनाएँ। हृदय में बसी […]

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बोर्ड परीक्षा एक खेल है, अंकों की रेलम पेल है. पास सबको ही करना है, निरीक्षक का कहना है। न हो ज्ञान स्वर-वर्णो का, अंकों की फिर भी होली है.. उतारा है केवल प्रश्नों को, पास होना उनका जरुरी है। स्तर होगा शिक्षा का ऐसा, होगा देश का भविष्य कैसा.. […]

है नहीं सिर्फ नदी ब्रह्मपुत्र, यह ब्रह्म का पुत्र है है इसलिए यह एक नद्य, यह है दर्शन समन्वय का। हुआ इसके तटों पर, कई संस्कृतियों व सभ्यताओं का मिलन। आर्य-अनार्य,मंगोल-तिब्बती, बर्मी-द्रविड़,मुगल-आहोम के मिलन और टकराहट का, गवाह है यह ब्रह्मपुत्र। है इसकी कई उपनदियाँ, सुवनश्री,तिस्ता,तोर्सा लोहित,बराक,धनश्री। है महाबाहु यह […]

गीत एक लिखो.. शहादत पर उनकी, नमन लिखो। छोड़ सुख को चले, सोते आकाश तले.. ऐसे वीरों पर, गीत एक लिखो.. शहादत पर उनकी, नमन लिखो। भारती के आँगन पले, हाड़ मांस गला चले.. ऐसे हीरों पर, गीत एक लिखो.. शहादत पर उनकी नमन लिखो। जलाकर इष्ट की होली, मशाल […]

चिर विजय की कामना ही, राष्ट्र का आधार है.. निहित जिसमें राष्ट्र पोषक, भावना साकार है। आत्म गरिमा युक्त हो, राष्ट्र जीवन का मनन.. संगठन की शक्ति हो, केन्द्र दर्पण जन-मन। त्याग कर हम शेष जीवन की, सुसंचित कामनाएं.. ध्येय के अनुरूप जीवन हम, सभी अपना बनाएं। जागते यह भाव […]

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आयो आयो रे फागुन त्योहार, झूम उठी ग्वालनियाँ-2। गौएं भी झूमे,गोपालन भी झूमे-2, अरे झूम गयो-2 नंद दरबार.. झूम उठी ग्वालनियाँ, आयो आयो रे…………….। काशी भी झूमे,मथुरा भी झूमे-2, अरे झूम गयो -2 वृंदावन नार.. झूम उठी ग्वालनियाँ, आयो आयो रे……………..। राधा भी झूमे,कन्हैया भी झूमे-2, अरे झूम गयो-2 सारो […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।