पितृ दिवस पर विशेष जो अपना दर्द सब से छुपाकर रख लेता है, आँखों के आँसू पीकर के हँस लेता है। धूप, छाँव, आँधी, तूफ़ान, ठोकरें, कर्त्तव्य समझकर झेल लेता है, ज़रूरत हो सब की पूरी इस संघर्ष में उठते-बैठते चैन नहीं लेता है। बच्चों के शौक पूरे करने में […]

काव्य गोष्ठी के साथ सैंकड़ो लोगों ने ग्रहण किया प्रसाद नई दिल्ली। हिन्दी माह यानी सितम्बर को मातृभाषा उन्नयन संस्थान द्वारा हिन्दी महोत्सव के रूप में मनाता है, इस कड़ी में संस्थान की दिल्ली इकाई ने गाज़ियाबाद में हिन्दी पूजन कर हिन्दी महोत्सव 2024 का आरंभ किया। संस्थान की राष्ट्रीय […]

इंदौर। मातृभाषा उन्नयन संस्थान द्वारा सितम्बर माह को हिन्दी माह के रूप में मनाया जाता है और यह माह हिन्दी महोत्सव के रूप में मनाया जाता है। हिन्दी महोत्सव 2024 का शुभारंभ शहर के मध्य पंचमुखी अरकेश्वर गणेश मंदिर, स्नेहलता गंज पर माँ हिन्दी का पूजन कर किया गया।  इस […]

जन्म शताब्दी विशेष ● डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ आज से ठीक एक शताब्दी पूर्व यानी 22 अगस्त 1924 जमानी, होशंगाबाद, मध्य प्रदेश में एक कायस्थ परिवार में अद्भुत व्यक्तित्व के धनी हरिशंकर परसाई जी का जन्म हुआ था। 18 वर्ष की उम्र में वन विभाग में नौकरी की, फिर खंडवा […]

जीभ उसकी कटी और गूंगा सारा जहां हो गया जिस्म उसका तार तार हुआ निर्वस्त्र सारा जहां हो गया रीड की हड्डी उसकी टूटी और अपाहिज सारा जहां हो गया इस मन की महाभारत का संजय कोई नहीं था यहां और धृतराष्ट्र सारा जहां हो गया रात के अंधेरे में […]

ये आज़ादी के उन सपनों का आगाज़ नहीं है, हुए अठहत्तर साल कि हम आज़ाद नहीं हैं। भूल गए कि हमने कितने नर खोए हैं, भूल गए कि हमने कितने सर बोए हैं! भूल गए आधीन हुए थे हम दोज़ख के, भूल गए कि शर्मसार ही सब के सब थे। […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।