सनावद। मातृभाषा उन्नयन संस्थान द्वारा हिन्दी महोत्सव 2025 के अंतर्गत शहर के शिखर लर्निंग सेंटर में हस्ताक्षर बदलो अभियान चलाया। कवि पारस बिरला ने छात्रों को हिन्दी में हस्ताक्षर बदलने के लिए प्रेरित किया। सेंटर के डायरेक्टर त्रिलोक बिरला, स्वाति बिरला, सहयोगी डायरेक्टर जितेन्द्र पाटील, रवि खेड़े, प्राचार्य आरिफ़ खान […]

लघुकथा तो साहित्य का वामन अवतार- श्री उपाध्याय इन्दौर। हिन्दी दिवस के उपलक्ष्य पर साहित्य की महनीय विधा लघुकथा पर मातृभाषा उन्नयन संस्थान द्वारा लघुकथा मंथन 2025 का आयोजन इंदौर प्रेस क्लब में किया गया। वरिष्ठ साहित्यकार सूर्यकान्त नागर एवं प्रताप सिंह सोढ़ी को जीवन गौरव सम्मान से सम्मानित किया […]

श्री नागर और श्री सोढ़ी होंगे जीवन गौरव सम्मान से सम्मानित लघुकथा पर नए युग के विमर्श के साथ प्रदेशभर से आए लघुकथाकार करेंगे लघुकथा पाठ इन्दौर। हिन्दी और उसकी विधाओं के प्रचार के लिए कार्यरत मातृभाषा उन्नयन संस्थान हिन्दी महोत्सव 2025 के अन्तर्गत शुक्रवार को प्रेस क्लब में दोपहर […]

कालजयी साहित्यकार पुण्यस्मरण का १२६ वा आयोजन. इंदौर । भाषा बोलन जानई, जिनके कुल के दास । तेहि भाषा कविता करी, जईमति केशवदास।। श्री मध्यभारत हिन्दी साहित्य समिति, इंदौर द्वारा कालजयी साहित्यकार पुण्यस्मरण श्रृंखला १२६ में आज ओरछा नरेश वीरसिंह के राजकवि और संस्कृत भाषा के प्रकांड विद्वान कवि केशवदास […]

मातृभाषा ने किया माँ हिन्दी का पूजन इंदौर। हिन्दी माह को विगत 8 वर्षों से हिन्दी महोत्सव के रूप में मनाने के लिए इंदौर में मातृभाषा उन्नयन संस्थान द्वारा आज माँ हिन्दी के पूजन से महोत्सव का आरम्भ किया। नंदानगर 10नम्बर सड़क स्थित वीर भद्रशाल समूह द्वारा विराजित गणेश पांडाल […]

कोई रचना कभी कोई फैसला नहीं देती इन्दौर। विगत दो दशकों में कहानी और उपन्यास ने कईं अप्रत्याशित मोड़ लिए हैं यह भारतीय वाग्मय के लिए अभूतपूर्व घटना है। ऐसे बदलाव के मध्य सदा प्रासंगिक रहने वाले विषय पर आया यथार्थपरक संग्रह हिंदी में कथा साहित्य के वर्चस्व की पैरवी […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।