हाँ ! मैं खाता हूं मेहनत की कमाई। मैं डरता नहीं हूं मेहनत करने से। लक्ष्य को पाने के लिए मुझे दिन-रात करनी पड़ती है कड़ी मेहनत। कितनी बाधाएं भीआती है लक्ष्य तक पहुंचने में हिम्मत और मेहनत से सब आसान हो जाता है और मिल जाती है मंजिल। मन […]
बहुत जखम सह लिए मगर निशान अब भी बाक़ी है, लाख दिए हैं इम्तहान पर अंजाम अब भी बाक़ी है. गिराते रहे तुम सितम की बिजलियाँ हर मोड़ पर, मगर इस सफ़र की मंजिल अब भी बाकी हैं. रूहों को मिलाने की करते रहे नाकाम कोशिश, फरेबी चेहरो पर झूठ के नकाब अब भी बाक़ी […]
बच्चे का रुदन उसके आगमन से होता शुरु। हर दर्द के साथी आँसू। व्यस्क होने पर छुप कर रो लेता। माता पिता से भी नहीं कुछ कहता। कभी प्रेम में ठुकराए कोई। रो कर वह दर्द पी लेता है। नौकरी न मिले तो बेरोजगारी होने का दंड रोकर भोग लेता […]
जब अपरिमित शून्य में मन को मिले सोते गरल के लेखनी के अश्रु छलके , सिंधु ज्यों नमकीन जल के शुभ्र कागज का धरातल , सावनी सपने सँजोये भावना हल को चलाये , अक्षरों के बीज बोये रूप धरते भाव सारे , खेत में तब कृषक-दल के लेखनी के अश्रु […]
दहेज मांगकर हम ये कर रहे हैं, ना खुद जी रहे!ना मर ही रहे हैं, सभी जानते!अभिशाप है ये, जो माफ न हो!वो पाप है ये, इस आग में बहुत घर जल रहे हैं बच्चियाँ तो कोख में ही मर रही हैं, न जाने फिर क्यों!वही कर रहे हैं, ना […]
ताउम्र के लिए सितम मेहमान हुआ मेरा खाली ज़मीन खाली आसमान हुआ मेरा कुछ आरज़ू नहीं है और जग के मालिक सब जग से छूटा मगर भगवान हुआ मेरा ग़म नही शहंशाह के बाशिंदों की दूरी से जिसका सब कुछ सारा जहान हुआ मेरा उसकी अदा में अब तक […]
आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है।
आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं।
मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया।
इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं।
हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।