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चाहे तुम जीतो जग को, मगरुर कभी मत होना। होना पड़े विमुख इतने मजबूर, कभी मत होना। निज पलकों पर भले बिठा लो, कोई चंद्रमुखी तुम। माता-पिता के चरणों से तुम, दूर कभी मत होना॥                               […]

जम्मू-कश्मीर के नौहट्टा में मस्जिद के बाहर ड्यूटी में तैनात पुलिस अधिकारी को कुछ उपद्रवियों की भीड़ ने पीट-पीट कर मार डाला। मारे गए अधिकारी अयूब पंडित की गलती बस इतनी-सी थी कि,उन्होंने मस्जिद के बाहर खड़े होकर अपनी ड्यूटी पूरी निष्ठा से निभाने की कोशिश की थी। अपनी ड्यूटी […]

आग उम्मीद की मुद्दतों से लगी जाने संदेश कब मेघ का आएगा, वृक्ष ख्वाबों के तुम भी लगा दो सनम वरना चौमास सूखा गुजर जाएगा। मन मरुस्थल न बन जाए मेरा प्रिये, मानसूनों की सौगात कर दीजिए.. मैं अमावस की ढलती हुई शाम हूँ पूर्णिमा की तरह रात कर दीजिए, […]

शब्द-शब्द में, चंद सांसें छिपा रखी हूँl  सजल आँखों के गीले कोर पे बस तुम्हें छुपा बैठी हूँl    दिल की बंद सीपियों में यादों की गठरी से,  निकाल एक-एक मोती रोज़ गूँथती हूँ जी रही हूँ बस कि,  सांसें अकेली ना पड़ जाएl    इश्क के रंग से रंजित  […]

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आओ साथी सबको बचाएं निराकार इस दुश्मन से, जो वर्षों से खेल रहा है अनमोलों के जीवन से। भूल हुई तो भूलो उसको, करो न आगे ऐसी गलती, जिसके करने से रुक जाए स्वर्ण पथ पर गाड़ी चलती। यह कुगति सारथी कुल विनाशक असाध्य रोग है, जिसे देता जन्म असुरक्षित […]

अधरों पर अपने उमंग लिए, बदन मरीन उमड़ता तरंग लिए.. नयनों की पिचकारी लिए टोली, गोपियों की कृष्ण संग होली। भावनाओं के रंग हैं बड़े निराले, कान्हा भंगिमाएं लिए हैं मतवाले.. संकेतों की अभिव्यक्तियाँ अबोली, भींग गई राधा संग सखी अलबेली। नयनों की रंग धार खुमार लिए तेज, कपोलों के […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।