गोवर्धन पूजा करे, सब मिलकर के आज। गोधन,पशुधन,सुरक्षा,खेत किसानी काज। खेत  किसानी  काज, कृष्ण गोवर्धन धारे। करी  सुरक्षा   मेह ,इन्द्र  जब  बरसे  भारे। सैनिक खेत  किसान,हमे प्यारा हो गोधन। पशुधन   को  दें  मान, करें पूजा  गोवर्धन। दाल  चूरमा  बाटियाँ, गोबरधन   त्यौहार। बने  सवाया भोज है, सधे सभी  व्यवहार। सधे सभी […]

कृत्रिम चंद्र परिकल्पना, चलती देश विदेश। बच्चों की प्रतिभा सुनो, होती  खूब विशेष।। .              चन्दा तू मत सोचियो,केवल तेरो राज। चार दिना की चाँदनी, देय हमारे काज।। .              मानवता के पूत हम, करें नित नई खोज। तेरी क्यूँ मर्जी  सहें, करे अमावस  दोज।। .              मानव  ने  दीपक  जला , मेटा  […]

गोवर्धन को हम *गोबरधन* भी कहते रहें तो क्या हानि है। गोवर्धन एक व्यापक शब्द है जो हमे गोवंश एवं किसान के प्रति सम्मान व संरक्षण का बोध कराता है । *गोबरधन* और भी व्यापक शब्द है जो हमे समस्त पशुधन व किसान कृषक ,कृषि कर्मी ,मजदूर सभी के सम्मान […]

जम्मू | डोगरी एवं हिंदी भाषा के युवा बाल साहित्यकार,  लघुकथाकार, कथाकार, कवि, आलोचक,लेखक, अनुवादक, भाषाविद्, सांस्कृतिककर्मी एवं समाजसेवी यशपाल निर्मल को उनके साहित्यिक योगदान के लिए बीर भाषा हिन्दी साहित्यपीठ, मुरादावाद , उत्तर प्रदेश की ओर से ” साहित्य वाचस्पति” की मानद उपाधि से विभूषित किया गया है। इस […]

.                    भाग्य  मुकद्दर  से बने, कर्म  नसीबी  खेल। माधव भी न करा सके,कौरव पाण्डव मेल।। .                      भाग्य लिखा वनवास जो,कौशल सीता मात। त्रिलोकी थे राम जी, लगी न  कोइ  बिसात।। .                      पाँच  पति  जग जीत थे, पांचाली  के  भाग। जीवन भर जलती रही,द्रुपद सुता बिन आग। .                    भाग्य बदलता कर्म […]

नई उड़ाने,नया आसमान, सुधिजन रचनाकारों का। सबके सब मिलकर कर देंगे, युग को नव आकारों का। .              चाहे जितनी  बाधा आए, कवि का धर्म निभाना है। नई सोच अरु नई उड़ाने, नव पथ भी दिखलाना है। .             मुक्त परिंदे बन के हम तो, नित नया आसमां नापें। नई उड़ान भरेंगें […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।