इस जहां में किसी को कोई ढंग का न मिला। मुझे तुझ सा न मिला तुझे मुझ सा न मिला।। मैं तो धुत हूं अपने ही गम के नशे में साकी। कि होश में आ जांऊं, तू और मुझको न पिला।। बड़ी मुश्किल से बनाए हैं तिनका तिनका चुन के। […]

यह महफिलें यह रौनकें सब छोड़ो साथियों और तनिक मष्तिष्क पर ज़ोर डालकर सोचो यहाँ कोई लेखक कागज कलम दाल रोटी की जुगाड़ में जिम्मेदारियों के बोझ तले दबकर कर देता है कतल अपने भीतर बैठे रचनाकार का। जहाँ, आतंकवादियों से जूझते हुए हो जाता है रोज़ाना शहीद किसी का […]

जम्मू। राज्य के जाने-माने साहित्यकार, अनुवादक और सांस्कृतिककर्मी एवं साहित्य अकादमी(नई दिल्ली) के राष्ट़्रीय अनुवाद पुरस्कार से सम्मानित यशपाल निर्मल को अनुवाद के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान के लिए सम्मान मिल रहा है।  साथ ही केवल कुमार केवल को हास्य व्यंग्य कविता के क्षेत्र में सराहनीय योगदान के लिए २६ […]

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एक देश था एक भेष था, एक जान थी एक पहचान थीl  ईद थी दिवाली थी, हर जगह सांझ थी भगाली थी। कितना सुंदर संसार था स्वर्ग जैसा जहान था, लग गई इसे  किसी की बुरी नज़र  पड़ गई लकीरेंl  लकीरों ने बना दिए फासले उम्रों के फासले, न मिटने […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।