नई उड़ाने,नया आसमान, सुधिजन रचनाकारों का। सबके सब मिलकर कर देंगे, युग को नव आकारों का। . चाहे जितनी बाधा आए, कवि का धर्म निभाना है। नई सोच अरु नई उड़ाने, नव पथ भी दिखलाना है। . मुक्त परिंदे बन के हम तो, नित नया आसमां नापें। नई उड़ान भरेंगें […]
dasharath
तुम्हीं में बसा काशी काबा, तुम्हीं में गुरुद्वारा है। तुम्हीं में मेरी अयोध्या नगरी, तुम्हीं में नाथद्वारा हैll तुम्हीं से निकलती गंगा, यमुना और अदृश्य सरस्वती। तुम्हीं में बहती वात्सल्य रूपी, अमृत धारा हैl तेरे दोनों चरण बद्री और केदार, माँ उसी में बसा मेरा पूरा संसारll आँखें खुली तो तेरा दर्शन पाया, […]