Read Time1 Minute, 2 Second
तुम्हीं में बसा काशी काबा,
तुम्हीं में गुरुद्वारा है।
तुम्हीं में मेरी अयोध्या नगरी,
तुम्हीं में नाथद्वारा हैll
तुम्हीं से निकलती गंगा,
यमुना और अदृश्य सरस्वती।
तुम्हीं में बहती वात्सल्य रूपी,
अमृत धारा हैl
तेरे दोनों चरण बद्री और केदार,
माँ उसी में बसा मेरा पूरा संसारll
आँखें खुली तो तेरा दर्शन पाया,
तुमने ही यह संसार दिखलाया।
तेरी उँगली पकड़कर,
अपनी राह आसान बनाईl
जीवन की हर खुशी,
तुमने ही हम पर लुटाईll
तेरी नकल करके ही,
हम धीरे-धीरे तुतलाए।
अखिल ब्रम्हांड में,
तेरे सानी नहीं हमने पाएll
कैसे वर्णन करूँ तुम्हारा,
कैसे पाऊं तुमको पार।
माँ शब्द ही निराला,
है सब जीवन का आधारll
#दशरथदास बैरागी
Average Rating
5 Star
0%
4 Star
0%
3 Star
0%
2 Star
0%
1 Star
0%
पसंदीदा साहित्य
-
August 12, 2020
युवा
-
September 18, 2017
कुचल दो कुयाशा की शाखाएं
-
June 8, 2020
योग में स्थित मनुष्य के लक्षण
-
October 11, 2017
काट औ छाँट जो रही जग में
-
September 2, 2017
मां….