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आजादी महंगी मिली, नमन् पन्द्रह अगस्त।
राज फिरंगी देश था,जन गण मन था त्रस्त।
जनगण मन था त्रस्त,संघर्ष, बलिदान दिये।
भारत माँ को काट, भुजा दो टूक किए।
“लाल” लहू् कर भेद, बीज बोये बरबादी।
वतन रहे आबाद , रहे अपनी आजादी।
. *2*
जनतंत्र बड़ा विश्व में, भारत का है आज।
जागरूक होकर रहो, बना रहे माँ ताज।
बना रहे माँ ताज, शहीदी कभी न भूलें।
गोली ,कैद, अनाम, भले फाँसी पर झूले।
“लाल”सभी आबाद,संविधान वतन स्वतंत्र।
रहे तिरंगा शान, यह अमर रहे जनतंत्र।
. *3*
आजादी सबकी भली , पशु पक्षी इंसान।
सूर्य चन्द्र जब तक रहें, दमके हिन्दुस्तान।
दमके हिन्दुस्तान, धर्म सब पंथ समाने।
जाति के नही भेद, कर्म से मनु पहचाने।
कहे लाल कविराय,मिले यश की आबादी।
मिलकर करें प्रयास, रहे सबकी आजादी।
. *4*
आजादी का पर्व है, छाई खुशी अपार।
जनगणमन उत्साह है,निज जनतंत्र प्रसार।
निज जनतंत्र प्रसार,विश्व में गुरु भारत हो।
सोन चिरैया मान, हमारे हर कारज हो।
कहे लाल कविराय, शत्रु की कर बरबादी।
रख शहीद सम्मान, बचाएँ निज आजादी।
. *5*
अगस्त माह पन्द्रह तिथि,सन सैंतालिस याद।
अपना प्रिय भारत वतन,तभी हुआ आजाद।
तभी हुआ आजाद, तिरंगा तब लहराया।
चले गये अंग्रेज , भारती मनु हरषाया।
“लाल” किले पर होय, आनंद मोद अलमस्त।
घर घर उत्सव होय, आत ही पंद्रह अगस्त।
. *6*
आजादी हित प्राण थे, दीन्हे वीर गँवाय।
यादें उनकी करत ही, नयन अश्रु छलकाय।
नयन अश्रु छलकाय, शहीदी लख कुर्बानी।
वतन के खातिर जां, लुटाई चढ़त जवानी।
“लाल” लहू का भोग, भारती माँ आराधी।
कोटिश नमन हमार,जान दी हित आजादी।
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नाम- बाबू लाल शर्मा
साहित्यिक उपनाम- बौहरा
जन्म स्थान – सिकन्दरा, दौसा(राज.)
वर्तमान पता- सिकन्दरा, दौसा (राज.)
राज्य- राजस्थान
शिक्षा-M.A, B.ED.
कार्यक्षेत्र- व.अध्यापक,राजकीय सेवा
सामाजिक क्षेत्र- बेटी बचाओ ..बेटी पढाओ अभियान,सामाजिक सुधार
लेखन विधा -कविता, कहानी,उपन्यास,दोहे
सम्मान-शिक्षा एवं साक्षरता के क्षेत्र मे पुरस्कृत
अन्य उपलब्धियाँ- स्वैच्छिक.. बेटी बचाओ.. बेटी पढाओ अभियान
लेखन का उद्देश्य-विद्यार्थी-बेटियों के हितार्थ,हिन्दी सेवा एवं स्वान्तः सुखायः