बीरा थाँ पै गरब छः राखी रो या परब छः पीहरियै आई  बीरा रीत तो निभाणी छः।। रक्षा बंधण त्योहार छः भाई  भैण  व्यौहार छः सारी  बाताँ पाछी गई …रही तो कहाणी छः।। लाखन में भाई मेरो रामजी को काँई बेरो भाई तो शहीद हुयो …मूरत पिछाणी छः।। भाई मेरो […]

.              व्याप रहा  संसार में, सब  जन  भ्रष्टाचार। ढूँढे से मिलता नहीं,अब जग सदआचार।। गली हाट बाजार में,दफ्तर अरु चपरास। भ्रष्ट सभी जन हो रहे, रिश्वत तेरी आस।। अधिकारी नेता बड़े, डाक्टर साहूकार। पटवारी राजस्व तो ,हैं  सबके सरदार।। मंत्री  अरु सांसद  बने, भ्रष्टाचारी  जीव। पद से ये हट जाए […]

वर्षा है  सयानी रानी मन की दीवानी मानी पावस  ऋतु की प्रीत ….रीत ही निभाइये।। दादुर   नँगारे   बाजे कलापी सुनृत्य साजे चातक पपीहा वाणी …गीत ही सुनाइये।। खेत में किसान घूमें धान  पुरवाई   झूमे बिटिया  झुलन कहे झूला तो बनाइये।। सावन  बिताय अब भादवे  लगे  है जब याद बृजराज आए […]

बेटी जनमी  जिण घराँ,कुदरत रो वरदान। पढ़ा लिखाअर् मान द्यो, पाछै  कन्यादान। पाछै कन्या दान, देओ  सब मन सूँ  दुआ। ईश्वर रा शुभ वरदान,जनम  बेटी रा हुआ। कहे लाल कविराय,सुता सूँ मत कर हेठी। दोनी कुल़ री  बात, आन मान  शान बेटी। .                *2*   बेटी हो  बड़ भाग सूँ, समझै  […]

1.. धरा गगन सब जग बना ,पर्यावरण विकार। मर्त्य कर्म अकर्म से, विपदा विविध प्रकार।। 2.. पर्यावरणन  गंदगी , होय  जगत   में  रोज। बल विद्या कम हो रही, घटता जावे ओज।। 3.. पेड़ लगाने  की प्रथा, चलती  आई  देश। पर्यावरण  सदा रहे, शोभित निर्मल वेष।। 4. बड़े  सयाने लोग हैं, […]

हे गौरी नंदन गणराज विघ्न मिटाओ हृदय  विराजो सभी सुधारो काज सुख कर्ता हैं आप ज्ञान के दाता हैं शिव तनय गणपति पार्वती माता है हे देव गणेश लम्बोदर शंकर सुत मिटा मम क्लेश विशाल गज वेष तुम  प्रथम पूज्य वंदन  तुम्हारा मोदक पाओ आशीर्वाद अशेष देना है हे प्रिय […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।