हिन्दी के सम्मान हित, कार्य करते दिन रात। मातृभाषा, परिवार  है, साहित  को सौगात। साहित को सौगात, सभी के सृजन  प्रकाशे। नवसृजक हितमान,सभी की कलम विकासे। कहे लाल कविराय ,साहित भाल की बिन्दी। अर्पण जैन  महान, समर्पित  जीवन  हिन्दी। .                      करते सृजन प्रकाश ये, हिन्दी  अंतरजाल। अर्पण जी छापे सभी, […]

बेटी कुमकुम है, रोली है,चन्दन की महक है, बाबुल के आँगन में खुशियों की चहक है। बेटी जहाँ भी हो, मेला सा लगता है, ससुराल की लक्ष्मी है, घुँघरू की खनक है।। बेटी बाबा की फिक्र, माँ का गुरुर है, भाई का अपनापा, पूरे घर का नूर है। बेटी साहस […]

ऐ विप्लव के वीर , तू शर संधान कर सधेगा हर लक्ष्य , बस तू कर्म का आह्वान कर जय तिलक लिये मस्तक पर प्रवृत्त हो प्रगति पथ पर हार को दे मात बस तू जीत का विधान कर ऐ विप्लव के वीर …. अर्णव सा हो वेग प्रचण्ड बाधाएं […]

देना  हो  दातार  तो, दे  शबरी   सी   प्रीत। पवन तनय सी भक्ति दे,कर्ण सरीखा मीत।। .                भ्राता देना लखन सा,यसुदा जैसी मात। राम सरीखा पुत्र हो, दशरथ जैसा तात।। .                राधा जैसी प्रिया हो,कर्ण सरीखा मीत। भाग्य सुदामा से भले,तानसेन से गीत।। .                अक्खड़ पना कबीर सा,रस जैसे रसखान। अर्जुन  […]

*मृण्मूर्ति* को निज गुरु मान   करता रहा नित शर संधान   संसृति से वो रहा विरत   अभ्यास साधना रही सतत   गुरु द्रोण चले जब वन विहार   संग कौरव पांडव राजकुमार   शब्द भेद से साधे बाण   प्रत्यक्ष को केसा प्रमाण   बाणों से भरा मुख […]

माना कि मैं दूसरी थी, पर कृति तो माँ तेरी थी। याद है मुझे वो पैना औजार , जो मेरी कोमल सी देह को छुआ, और मैं डर कर सिकुड़ सी गई, मैं डर रही थी, ढूंढ रही थी तुम्हें, चाहती थी अपने दोनों हाथों में, समेट लो, सहेज लो […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।