देना हो दातार तो, दे शबरी सी प्रीत।
पवन तनय सी भक्ति दे,कर्ण सरीखा मीत।।
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भ्राता देना लखन सा,यसुदा जैसी मात।
राम सरीखा पुत्र हो, दशरथ जैसा तात।।
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राधा जैसी प्रिया हो,कर्ण सरीखा मीत।
भाग्य सुदामा से भले,तानसेन से गीत।।
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अक्खड़ पना कबीर सा,रस जैसे रसखान।
अर्जुन जैसी नींद दे, गीता जैसा ज्ञान।।
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रिश्ते साथी कृष्ण से, बर्बरीक से बान।
तुलसी सा वैराग्य दे, सूरदास सा मान।।
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कूटनीति चाणक्य सी,विदुर सरीखी नीति।
चन्द्र गुप्त सा बल मिले, मीरा जैसी प्रीति।।
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रावण जैसा ज्ञान दे ,हठ हम्मीर समान।
राणा जैसी आन दे, चेतक जैसा मान।।
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पन्ना जैसा त्याग दे, चंदन सा बलिदान।
पृथ्वी राज चौहान सा,देना तुम अभिमान।।
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वीर शिवा सी वीरता ,सांगा जितने घाव।
भूषण सी कविता लिखा,सतसैया से भाव।।
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देना हो सन्यास तो, बना विवेकानंद।
दयानंद सा धीर दे, परमहंस आनंद।।
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चतुर बनाए तो प्रभो, ज्यों तेनाली राम।
दशरथ माँझी दे बना,परमारथ के काम।।
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साहस बोस सुभाष सा,दे मुझको दातार।
लाल बाल अरु पाल से,देना मुझे विचार।।
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हरिश्चन्द्र सा सत्य दे, बाली सा वरदान।
पतंजली सा योग दे, भामाशाही दान।।
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भगत सिंह सी मौत दे, शेखर सी पिस्तोल।
ऋषि दधीचि सी देह दे,गुरु नानक से बोल।।
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कफन तिरंगा रंग दे,जनगणमन का गान।
वतन शहीदी शान दे, बलिदानी अरमान।।
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मातृभूमि की गोद मे ,हिन्दी हिन्दुस्तान।
भारत मेरा देश हो, जन्मूँ राजस्थान।।
नाम– बाबू लाल शर्मा
साहित्यिक उपनाम- बौहरा
जन्म स्थान – सिकन्दरा, दौसा(राज.)
वर्तमान पता- सिकन्दरा, दौसा (राज.)
राज्य- राजस्थान
शिक्षा-M.A, B.ED.
कार्यक्षेत्र- व.अध्यापक,राजकीय सेवा
सामाजिक क्षेत्र- बेटी बचाओ ..बेटी पढाओ अभियान,सामाजिक सुधार
लेखन विधा -कविता, कहानी,उपन्यास,दोहे
सम्मान-शिक्षा एवं साक्षरता के क्षेत्र मे पुरस्कृत
अन्य उपलब्धियाँ- स्वैच्छिक.. बेटी बचाओ.. बेटी पढाओ अभियान
लेखन का उद्देश्य-विद्यार्थी-बेटियों के हितार्थ,हिन्दी सेवा एवं स्वान्तः सुखायः