पायल,दिव्य पद कमल वे दिव्य-देवी प्रमान् की। जानकी हर ली दशानन बाजी लगादी जान की। हाः राम,हाः लषन, वीर हर ली ये रावण पातकी। मानी न, आन लषन की दोषी बनी निज जानकी। क्रोधित जटायू भिड़ रहा ले जाने न दे माँ जानकी। जानकी हित ‘पर’कटाये परवाह नहीं की जान […]
bohara
जीवन के बेगाने गाने, गुनगुनाता,आगे बढ़ता जाता हूं। मुस्काता हूं,सावन को मुठ्ठी में भरकर, चलता हूं,फिर गाता हूं॥ सकारात्मक चिंतन संभव, पूरे होते मानव के अभीष्ट सभी। सत्यम्,शिवम्,सुन्दरम् और, प्रसन्न होते ईष्ट सभी॥ मैं उठता हूं अपने पैरों, सुमनों को जल दे आता हूं। मुस्काता हूं,सावन को मुठ्ठी में भरकर, […]