जिंदगी कड़वी सही,शक्कर मिलाना आ गया, ज़ख़्म पर अब तो हमें मरहम लगाना आ गया। अब छले जाते नहीं हैं आदमी की ज़ात से, के नज़र को भी नज़र से आजमाना आ गया। इन अंधेरों मे गुजर जाती हमारी उम्र ही, देखकर दम जुगनुओं का झिलमिलाना आ गया। ले गया […]

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  सोते नहीं बना,कभी जगते नहीं बना, घुट-घुट किसी की याद में मरते नहीं बना। सबने कहा यही उसे दिल से बिसार दूं , पर बेवफा को दिल से बिसराते नहीं बना। कांटों में रह के हंसने की कोशिश तमाम की, फूलों की तरह पर कभी हंसते नहीं बना। वह […]

बचपन की टोकरी,           निश्चल प्रेम सोचती।                 दोपहर सारी मस्ती,                      बचपन खो गया॥ उपवन भरे पुष्प,         फल तोड़ खाए भूल।         […]

बिल्कुल सुई की नोंक पे चलने लगे हैं लोग, स्तर से एकदम ही गिरने लगे हैं लोग। कहने के लिए सिर्फ है हाथों में तराजू, आंखों में धूल झोंक के ठगने लगे हैं लोग। लगता है मोहल्ले में कोई हादसा हुआ, घर से निकल के छत पे टहलने लगे हैं […]

शौर्य है वह जो लगा दे आग पानी में, शौर्य पागल भी करे चढ़ती जवानी में। सरफ़रोशी भी जगा दे कातिलों खातिर, शौर्य चूमें आसमाँ नादाँ जवानी में। शौर्य की पहचान है वो आग से.खेले, शौर्य देता मोड़ है जीवन कहानी में। शौर्य तूफानी हवा जो मोड़ देता रुख, शौर्य […]

यह अगस्त मेरे भारत का भाग्यशाली महीना है, पर्व पन्द्रह अगस्त का सभी पर्वों में नगीना है। आज की ही तारीख में ; मुल्क आजाद भारत हुआ, दासता की कठिन बेड़ियों से जकड़ा आबाद भारत हुआ। मिट गईं वक्त की बंदिशें, लगा अपना करीना है। यह अगस्त मेरे भारत का […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।