गुंडों का शहर देख रहे हैं, मज़लूमों पे कहर देख रहे हैं। आतंक का साया पसरा हुआ, बाबागिरी का असर देख रहे हैं। दहशत में है इंसान यहां, आगजनी की खबर देख रहे हैं। संत अब संत नहीं बहुत, बुरी है बहुत नजर देख रहे हैं। खौफ से सहमा हुआ […]

दूसरों  का   जो  आसरा   होगा, तो नहीं ख़ुद का भी भला होगा। दूसरों   को   जो   तू    गिराएगा, कल को तू भी  यहाँ गिरा होगा। हौंसला  तब  ही  साथ  देता  है, जब कड़ा  कोई  फ़ैसला होगा। जब करोगे सनम  शुरू चलना, तब  सुलभ  तेरा  रास्ता […]

आस्था के नाम पर, जो भी करें व्यापार, उसको हर एक शख्स से, कोड़ें लगें हजार। कोड़ें लगे हजार, गले हो जूती माला, बैठा गधे पर गंजा कर,मुंह कर दो काला। कह ‘सागर’ कविराय,रुके ये जब ही प्रथा, कुप्रथाओं के नाम,जब बन्द हो चर्चा॥               […]

सोचता हूँ अक्सर मैं यही कि, तुम्हारा मिलना इत्तफ़ाक़ था या फिर कोई हसीं ख़्वाब… जो एक पल के लिए क़रीब आई और फिर उम्र भर के लिए तुम चली भी गई,प्यार की उमंग दिल के कोने में जगाकर। अब पूछता रहता हूँ मैं ख़ुद से, कि अगर तुम्हें चले […]

बंधन प्यार का स्वीकार कीजिए, एक दूजे को सदा प्यार कीजिए। छोड़ो भी जाति धर्म की लड़ाई, किसी का न तिरस्कार कीजिए। वंदन दिलों के रिश्ते दिलों से जोड़ लो, न टूटे भरोसा ऐतबार कीजिए। मान करो सदा सम्मान करो, इज्जत न किसी की तार-तार कीजिए। बिखेर कर खुशियां बनी […]

शहीदों की शहादत को सलाम करते हैं, जिस्मों-जान वतन के नाम करते हैं। नमन है ऐसे वीर जवानों को ,वतन की खातिर जो जान भी कुर्बान करते हैं। उनके दम से ख़ुशी हमने पाई है, तिरंगा लहराते हम वतन की शान करते हैं। याद आती है कुर्बानियां,निछावर हम भी दिलो-जान […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।