भारत में जब शरद ॠतु का आगमन होता है तब मौसम सुहावना हो जाता है । इस समय ना तो ज्यादा गर्मी और ना ही ठंड होती है । वर्षा ऋतु में बारिश धरा को धोकर साफ कर देती है, इसलिए शरद में धरा साफ होती है […]

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कहाँ-कहाँ फैली है गंदगी क्या-क्या तुम साफ करोगें सड़क,गली मोहल्ले और बेटी से भी इंसाफ करोगें बीड़ी,शराब और तम्बाकू या हो सिगरेट का धुँआ सब के सब है हानिकारक कहलाता मौत का कुआँ मौत वह भी नही जो आसानी से आ जाती है हाँ,मौत वह है जो तड़पा-तड़पा कर खाती […]

हम गर्व महसूस  करते हैं मीठी है हमारी बोली हम हैं हिन्दुस्तानी । अंग्रेजों ने हमें गुलाम बनाया फिर भी हमने अंग्रेज़ी भाषा को अपनाया । अंग्रेज़ी जब बोलते हैं हम स्मार्ट हो जाते हैं । ये सोच अब बदलनी चाहिए हिन्दुस्तानी भाषा को दिल से अपनाना है। हम हैं  […]

         एक निश्चित भौगोलिक सीमा के भीतर रहनेवाले एक जन-समूह को ही तो हम राष्ट्र कहते हैं, जिनकी एक पहचान होती है और वह समूह आम तौर पर धर्म, इतिहास, नैतिक आचारों या विचारों, मूल्यों आदि में एक समान दृढ़ता रखता है । इसे और भी साफ […]

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     “रिया, आज स्कूल में होमवर्क दिया है या नही?” अनन्या अपनी बेटी से पूछती है । रिया झट से बैग में से पुस्तक निकलकर कहती है, “हाँ माँ ।” जोकर की तस्वीर दिखाती हुई, “माँ, देखो , मैम ने इस जोकर की छवि बनाकर उसके ऊपर पाँच वाक्य […]

*विधा-मनहरण घनाक्षरी* नभ पर घटा छाई देख के धरा मुस्काई डोले डाली झूम झूम सभी मिल गा रहे। खुशियों की वर्षा आई प्यास धरा की बुझाई पवन जी पंखों पर बारिश को ला रहे । चारों ओर हरियाली हर्षित किसान माली आया सुहाना मौसम  सब जन आ रहे। गरमी का […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।