‘‘जवान तुम्हारी माताजी ……….का निधन हो गया है, तुम फील्ड से वापिस आ जाओ…………….’’ वायरलेस पर आयी इस सूचना ने सचिन को थोड़ी देर के लिए स्तब्ध कर दिया । तभी सामने से आई एक गोली उसके सामने रखी रेत कीे बोरी में घुस गई । सचिन चैक गया उसने […]

चर्र-चूं’’ की आवाज निकालता दरवाजा उसने खोला था । उसे उम्मीद थी कि ‘‘शेरू’’ दरवाजे पर ही मिल जाएगा । उसका अनुमान सही निकला । दरवाजे की आहट पाकर शेरू चैतन्य हो गया था । आज दो दिनों के बाद दरवाजा खुला था । वो दिनों से यूं ही भूखा-प्यास […]

नीलिमा को लौटने में बहुत देर हो गई थी । वैसे भी वह चार दिन बाद अपने घर लौटी थी । घर क्या किराये का एक कमरा जिसमें वह केवल रात को सोने ही आती थी दिन भर तो उसे अस्पताल में मरीजों के साथ रहना पड़ता था । उसे […]

कापी का कोरा पन्ना फाड़ा और उसे एक आकार दिया शायद वह कागज का ऐरोप्लेन बन गया था अपने नन्हे-नन्हे हाथों को अधिकतम उंचा उठाकर हवा में उछाल दिया, कुछ दूर तक हवा में तैरने के बाद वह कागज वापिस आकर नीचे गिर गया………फिर उसे उठाया और फिर उछाला……..अबकी बार […]

आंगन के बीचों बीच कौशल्या की मृत देह को रख दिया गया था । कर्नल रामसींग आंसू भरी आंखों से एकटक देख रहे थे । दूर महानगरों में रह रहे दोनों बच्चों को माॅ के निधन की सूचना दे दी गई थी । संभवतः वे कल तक ही यहां पहुंच […]

‘‘डाक्टर साब आपके घर से फोन आया है आपका बेटा बीमार है’’ । नर्स ने बहुत देर तक डाक्टर साहब के फरुसत हो जाने की राह देखी थी पर वे फुरसत हो ही नहीं पा रहे थे । एक मरीज जाता तो दूसरा आकर उनके सामने बैठ जाता । डाक्टर […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।