शहरी कोलाहल से दूर शांतिनिकेतन के हरे भरे परिसर में आकर व्यक्ति का प्रकृति के साथ सीधा संवाद स्थापित हो जाता है…सांसारिक भाव कहीं लुप्त होने लगता है…प्रतिक्षण आसपास एक नैसर्गिक संगीत सुनाई देता है…विचारों के अंकुर भी यहां अनायास फूटने लगते हैं… इस वातावरण में आकर मेरे मन में […]

शांतिनिकेतन मेरे लिए हमेशा ही प्रेरणा का स्रोत बना रहेगा। इस बार इस यात्रा ने एक लेखक के रूप में मुझे प्रकृति के ऐसे रूप का साक्षात्कार कराया जो आगे भी अनगिनत रचनाओं को जन्म देगा… गुस्करा (वर्धमान) में एक दिन प्रवास के बाद अगले दिन 5 अक्टूबर की सुबह हम […]

अपने देश में दादा साहब फाल्के अवार्ड अभिनय के क्षेत्र में दिया जाने वाला सबसे बड़ा पुरस्कार है जिसे देश के सबसे बड़े अभिनेता को दिये जाने की खबर सुनकर हर किसी को एक सुखद अनुभूति हो रही है। चार दशक से भारतीय सिनेमा का अहम हिस्सा रहे अमिताभ बच्चन […]

डा. स्वयंभू शलभ की चर्चित किताब ‘कोई एक आशियाँ’ ईबुक के रूप में एप्प पर भी उपलब्ध हो गई है। इस किताब का यह छठा ऑनलाइन स्टोर है। विदित है कि डा. शलभ की यह पाँचवी किताब पिछले वर्ष अमेजॉन एवं एडूक्रिएशन पब्लिशिंग द्वारा प्रकाशित हुई जिसे अमेजॉन, बुक्सकैमेल और […]

भारत नेपाल सीमा रक्सौल में पिछले तीन चार दिनों से पारा 42 तक जा पहुंचा है जो पिछले साल के महत्तम तापमान से अधिक है। ऊँचे तापमान के कारण जल स्तर नीचे चला गया है। हैंड पंप और मोटर पंप से पानी की मात्रा 50% से अधिक घट गई है। […]

विश्व पर्यावरण दिवस पर आइये अपने आप से कुछ सवाल करें…कि आने वाली पीढ़ियों के लिए हम कैसी धरती और कैसा पर्यावरण देने जा रहे हैं… यह प्रश्न हमारे सामने यक्षप्रश्न बनकर खड़ा है और जब तक हम साथ मिलकर इसका जवाब ढूंढ नहीं लेते तब तक यह दिवस केवल […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।