डा. स्वयंभू शलभ की चर्चित किताब ‘कोई एक आशियाँ’ ईबुक के रूप में एप्प पर भी उपलब्ध हो गई है। इस किताब का यह छठा ऑनलाइन स्टोर है।
विदित है कि डा. शलभ की यह पाँचवी किताब पिछले वर्ष अमेजॉन एवं एडूक्रिएशन पब्लिशिंग द्वारा प्रकाशित हुई जिसे अमेजॉन, बुक्सकैमेल और डूरस्टेपशॉपी ने पेपर बैक (हार्ड बुक) के रूप में तथा अमेजॉन किंडल और गूगल बुक्स ने ईबुक के रूप में दुनिया भर के पाठकों के लिए उपलब्ध कराया।
यह किताब पद्मभूषण डा. हरिवंश राय बच्चन को समर्पित की गई है जो डा. शलभ के साहित्यिक जीवन के मार्गदर्शक रहे। इस किताब की भूमिका श्री राहुल सांकृत्यायन (लखनऊ) ने लिखी है।
यह किताब मूल रूप से डा. शलभ की चार कहानियों का संग्रह है। इन कहानियों में जो अनोखापन है वह है प्रेम के भिन्न भिन्न रूपों का यथार्थ वर्णन। यह जानना आश्चर्यजनक है कि पुरुष के ह्रदय में भी प्रेम के अलग अलग रूप हो सकते हैं और इससे भी ज्यादा आश्चर्यजनक यह है कि एक ही व्यक्ति प्रेम के इतने स्वरूपों का इतना सजीव वर्णन कर सकता है।
मन की गहराइयों को छू लेने वाली ये कहानियाँ न सिर्फ अपने देश में बल्कि विदेशों में भी पसन्द की जा रही हैं। छः अलग अलग साइट पर उपलब्ध होना इस किताब की लोकप्रियता की तस्दीक करता है।
हाल ही में इस किताब को मैसूर (कर्नाटक) के विश्व स्तरीय स्टेट-ऑफ-द-आर्ट लाइब्रेरी में स्थान मिला।
किसी भी लेखक के लिए यह गौरव की बात है।
इस उपलब्धि से रक्सौल और बिहार का नाम भी अंतरराष्ट्रीय फलक पर आ रहा है।
#डॉ. स्वयंभू शलभ
परिचय : डॉ. स्वयंभू शलभ का निवास बिहार राज्य के रक्सौल शहर में हैl आपकी जन्मतिथि-२ नवम्बर १९६३ तथा जन्म स्थान-रक्सौल (बिहार)है l शिक्षा एमएससी(फिजिक्स) तथा पीएच-डी. है l कार्यक्षेत्र-प्राध्यापक (भौतिक विज्ञान) हैं l शहर-रक्सौल राज्य-बिहार है l सामाजिक क्षेत्र में भारत नेपाल के इस सीमा क्षेत्र के सर्वांगीण विकास के लिए कई मुद्दे सरकार के सामने रखे,जिन पर प्रधानमंत्री एवं मुख्यमंत्री कार्यालय सहित विभिन्न मंत्रालयों ने संज्ञान लिया,संबंधित विभागों ने आवश्यक कदम उठाए हैं। आपकी विधा-कविता,गीत,ग़ज़ल,कहानी,लेख और संस्मरण है। ब्लॉग पर भी सक्रिय हैं l ‘प्राणों के साज पर’, ‘अंतर्बोध’, ‘श्रृंखला के खंड’ (कविता संग्रह) एवं ‘अनुभूति दंश’ (गजल संग्रह) प्रकाशित तथा ‘डॉ.हरिवंशराय बच्चन के 38 पत्र डॉ. शलभ के नाम’ (पत्र संग्रह) एवं ‘कोई एक आशियां’ (कहानी संग्रह) प्रकाशनाधीन हैं l कुछ पत्रिकाओं का संपादन भी किया है l भूटान में अखिल भारतीय ब्याहुत महासभा के अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में विज्ञान और साहित्य की उपलब्धियों के लिए सम्मानित किए गए हैं। वार्षिक पत्रिका के प्रधान संपादक के रूप में उत्कृष्ट सेवा कार्य के लिए दिसम्बर में जगतगुरु वामाचार्य‘पीठाधीश पुरस्कार’ और सामाजिक क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान के लिए अखिल भारतीय वियाहुत कलवार महासभा द्वारा भी सम्मानित किए गए हैं तो नेपाल में दीर्घ सेवा पदक से भी सम्मानित हुए हैं l साहित्य के प्रभाव से सामाजिक परिवर्तन की दिशा में कई उल्लेखनीय कार्य किए हैं। आपके लेखन का उद्देश्य-जीवन का अध्ययन है। यह जिंदगी के दर्द,कड़वाहट और विषमताओं को समझने के साथ प्रेम,सौंदर्य और संवेदना है वहां तक पहुंचने का एक जरिया है।