सांता! आज जब तुम आओगे तो मेरी एक बात मानना  पल-पल फिसलते हुए रिश्तों को अपने झोले से खुशियों का पुलिंदा  मेरे नाम करते हुए उन्हें थमाते जाना कल तक जो अपने थे उनमें भाव खत्म होने लगा है कल तक जिन बातों में रस था आज उनमें विष उतरने […]

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लोकतंत्र है देश का आधार बनो तुम इसके पहरेदार भारत की गरिमा छू ले तुमसे आकाश  किंतु अपने पथ से विचलित ना हो हो अपने कर्तव्य का भान राजस्थान में चुनावी रणभेरी बज चुकी है । 7 दिसम्बर को नई सरकार को चुनने के लिए हम सभी मतदान में आहुति […]

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कल रात मेरे सपने में हिंदी आई अपनी पीड़ा कुछ इस तरह बताई क्यों सबने अंग्रेजी की रीत अपनाई अपने ही जहां में मैं हुई पराई हर कोई मुझे कर रहा उपेक्षित यह सुन मेरी आंख गलानि से भर आई सोचा घर -घर जाकर करूं प्रचार क्यों ना अपने विद्यालय […]

5 सितंबर सर्वविदित है  शिक्षक दिवस के रूप में डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन जो देश के प्रथम उपराष्ट्रपति थे, का जन्म दिवस होता है।उनकी याद में ही उनके जन्मदिवस को शिक्षक दिवस के रुप में मनाया जाता है।  एक सफल शिक्षक वही है जिसमें सकारात्मकता हो और जो कभी भी खुद […]

सीमा अपने परिवेश में माता-पिता के कुंठित विचारों से बहुत दुखी थी। वे उसकी शिक्षा बीच में ही रोक कर शादी कर देना चाह्ते थे क्योंकि उनके समाज में लड़कियों को पढ़ाना अच्छा नहीं माना जाता था।परन्तु वह क्या करे ? उसे तो अपनी शिक्षा पूरी करनी थी। कई तरह […]

खुद्दारी से जीना है पहचान मेरी स्वाभिमान से आगे बढ़ना शान मेरी ऐसी मैं आज की स्वाभिमानिनी नारी इस नई उड़ान के साथ जिऊँ अपने पंखों को खोल आसमान का विस्तार दूँ आत्मविश्वास को बनाए  रखूं ऐसी मैं आज की स्वाभिमानिनी नारी पुरुष प्रधान समाज में हर काम में निस्संदेह […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।