ऐ विप्लव के वीर , तू शर संधान कर सधेगा हर लक्ष्य , बस तू कर्म का आह्वान कर जय तिलक लिये मस्तक पर प्रवृत्त हो प्रगति पथ पर हार को दे मात बस तू जीत का विधान कर ऐ विप्लव के वीर …. अर्णव सा हो वेग प्रचण्ड बाधाएं […]

*मृण्मूर्ति* को निज गुरु मान   करता रहा नित शर संधान   संसृति से वो रहा विरत   अभ्यास साधना रही सतत   गुरु द्रोण चले जब वन विहार   संग कौरव पांडव राजकुमार   शब्द भेद से साधे बाण   प्रत्यक्ष को केसा प्रमाण   बाणों से भरा मुख […]

जब एक बच्चा रंग और कागज पहली बार पकड़ता है और कोई चित्र  उकेरता है तब पहले पहल वो एक झोपड़ी ,नदी ,पहाड़ ,पेड़ ,चिड़िया बनाता है ।इसका मतलब है यह उसके और हमारे जन्म के साथी हैं। कितना सुंदर और प्यारा लगता है उसका बनाना। इन सभी से हम […]

औरत अपने जीवन में से नमक निकालकर खाने में कब डाल देती है वो खुद नहीं जानती.. और सालों साल जीती है स्वादविहीन जिंदगी… हमारे यहाँ हर शख्स खूब सारे character certificate  रखता है साथ में …किसी भी वक़्त ,हर कहीं ,किसी भी नुक्कड़ पे ,गली में ,चौराहे पर जरूरत […]

घर से निकल कर मुख्य सड़क पर आया ही था कि गाड़ी को जोर के ब्रेक के साथ रोकना पड़ा।सामने एक महिला जल्दी से सड़क पार करने की जल्दबाजी में गाड़ी के सामने आ गई। एक तो पहले ही देर हो गई थी हॉस्पिटल के लिए दूसरा  इसे मेरी ही […]

जाओ स्वतंत्र हो कह दिया डोर काट दी पतंग की बोलो ना तुम बिन कैसे वह गगन रंगेगी अपने रंग की   कहां जाएगी तुम बिन बोलो मंत्र है वह तेरे जादू की जब से थामा डोर है तुमने भूल गई वह चाल जहां की   देखो जरा उसे तुम […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।