योग प्रकृति,शरीर विज्ञान(स्थूल और सूक्ष्म शरीर)और आध्यात्मिक तथ्यों का सम्मिश्रण है।योग शब्द अर्थात मेल या जुड़ना,वैसे भी देखा जाए तो विभिन्न लाभकारी क्रियाओं का संयोग योग में है।योग शब्द से ही योगी शब्द की व्युत्पत्ति हुई,जिसका अर्थ होता है महान तपस्वी, जिसने इंंद्रियों और मन पर विजय प्राप्त कर […]

अब विदाई की घड़ी आई। बेटी हो रही है पराई।। भीगी आँखें आँगन सूना। माँ का दुख बढ़ता है दूना।। सुंदर तेरा रूप सलोना। तेरे बिन सूना हर कोना।। माँ की बातें सदा सँजोना। पिया के संग खुश ही होना।। तेरी बातें याद करूँगी। सारा जीवन खुशी रहूँगी।। मायके की […]

वो पत्थरों में ही ख़ुदा को  पूजता रहा, मंदिर तो कभी मस्जिदों में ढूंढता रहा। दिखाता रहा जग को अपना आडम्बर, पर ख़ुदा तो हमारे दिल में  घूमता रहा।। वो आशा की मृगतृष्णा में दौड़ता रहा, तीर्थों में तो कभी वन में भटकता रहा। देखा नहीं खुदा पर ये है […]

कभी हँसते हुए छोड़ देती ये जिंदगी… …कभी रोते हुए छोड़ देती ये जिंदगी…। …न पूर्णविराम सुख में, …न पूर्णविराम दुःख में ..बस जहाँ देखो वहाँ अल्प विराम छोड़ देती है ये जिंदगी..।। प्यार की डोर सजाए रखो, दिल को दिल से मिलाए रखो। क्या लेकर जाना है साथ में, […]

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अशोक काम की तलाश में गाँव से शहर आया। पढ़ा-लिखा ज्यादा था नहीं,इसलिए मजदूरी करने लगा, लेकिन उसका साथी मजदूरों से अक्सर झगड़ा होता था। कारण था उसका बातचीत में गाली-गलौज का इस्तेमाल। इसलिए कुछ ही दिनों में काम से निकाल दिया जाता था। बेकारी के समय खर्चा चलाना मुश्किल […]

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भागवत शामराव पाटील अब मुट्ठीभर बेईमानों को बेनकाब करनेवाली कालेकुबेरों के जाल से  लक्षमी को मुकत करनेवाली आठ नवंबर सोलाह की निशा मे मोदीजी ने गर्जना कर दी काल बनकर आयी कालेकुबेरों के लिए नोटब॔दी॥1॥   रजनी में कंचन-रजत की सहसा चमक बढ़ गई कालेकुबेर-बेईमानों के चेहरे से चमक उज़ड […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।