तेरे साथ गुज़ारे लम्हात, मेरी क़ीमती जागीर है । तेरे मुस्कुराकर देख़ना ही, मेरे ख़्वाबों की ताबीर है ।। तेरे बिन अधूरा सा हूं , निकलता हूं सफ़र पर, पहली ख़ुशी ज़िंदगी की, धड़कनों में मेरी धड़के, दिल से खेलने में मेरे, मेरे इश्क को मत परख़, Post Views: 387

तेरी आंखों में प्यार की कहानी नज़र आती है । रहबर मेरी ज़िंदगी तेरे पहलू में चैन पाती है ।। सरगम सी बजती है कानों में मेरे ।।। पनघट पर जब तू अपनी पायल खनकाती है ।।।। तेरा ग़म तो मेरी ज़िंदगी का हिस्सा है । मेरे हिस्से से भी […]

इंदौर । हिंदी और उर्दू के बेहतरीन संगम और चुनिंदा नज़्मों को इंदौर के लेखक डॉ.वासीफ काज़ी ने पुस्तक ‘कशिश’ के रूप में सृजन किया,संस्मय प्रकाशन द्वारा प्रकाशित पुस्तक कशिश का विमोचन मंगलवार को इंदौर एबी रोड़ स्थित डीक्यू कैफे में साहित्यकारों के बीच होना है ।      कवि […]

बहारें इंतज़ार करती,ग़ुलों के खिलखिलाने का । हमें भी इंतज़ार है अब, तुम्हारे मुस्कुराने का ।। तुम्हारे नाम है मेरी ये सारी ज़िंदगानी ।।। हमें तो शौक है तेरी, बांहों में बिखर जाने का ।।।। मेरा दिल तो हरदम यूं, तुम्हारा नाम लेता है । चाहत की हसीं राहों पर, […]

दिल से जुदा नहीं हो तुम, मेरे ज़ेहन में तेरी यादें हैं । अधूरी हैं रस्में मोहब्बत की, पतझड़ से ये तेरे वादे हैं ।। हर सांस मुझे तेरा इंतज़ार है, सच कहूं मुझे तुझसे प्यार है ।। अहसास ए इश्क सुखन देता है, विसाल ए यार तो चुभन देता […]

रांझणा तेरी तड़प, तेरे जज़्बात, हीर के बेचैन हैं ख़्यालात । मिसालें ताउम्र रहेंगी रोशन, कम न होंगे मोहब्बत के असरात ।। अकेला होकर भी अकेला नहीं हूं , मेरे पास तेरी यादों का ज़खीरा है । अधूरा होकर भी अधूरा नहीं हूं, तेरे अहसास से इश्क़ मेरा पूरा है […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।