कमतर है तो कूटा कर तगड़ा है तो फूटा कर जज मुंसिफ सब तेरे हैं सच्चे को भी झूठा कर कब तक कागज कोरेगा दिल पर उनके बूटा कर ईमानों की कीमत क्या थोड़ा थोड़ा लूटा कर जख्मों में जो पिन डाले तू भी उसके खूटा कर #दिवाकर Post Views: […]

बिल्कुल लल्लन टॉप लिखूंगा गहहे को भी बाप लिखूंगा नेताओं के नाम जहां हैं मैं तो अजगर साँप लिखूंगा जुमलेबाजी जब लिखना हो छप्पन इंची नाप लिखूंगा छपम-छपाई हल्लम-गुल्ला मैं तो बस चुप चाप लिखूंगा लड़ो लड़ाई  तुम मंदिर की मैं सीता का शाप लिखूंगा #दिवाकर  Post Views: 274

 बवाला करेंगे बवाला करेंगे चुनावों में भैया व लाला करेंगे । रहे राम जी यूँ ही बैठे अयोध्या ए संसद में जाकर घोटाला करेंगे । दिखाएंगे दहशत तुम्हें शरियतों का के मुल्ला जी फिर से हलाला करेंगे । मरेंगे तेरे लाल खा-खा के घुइया मलाई  का  कूकुर  निवाला करेंगे । […]

बब्बा बब्बा आय देवारी झोरन डब्बा लाय देवारी बीसौ अंगुरी उनके घिउ मा बस अपनै भभ्भाय देवारी बरहौ मासे रोशन हैं जे उनहीं के घर जाय देवारी अपनै कहै सुनै बस अपनै तब केतना खलि जाय देवारी फाकामस्ती घरहिनि घर मा मनहिनि मन शर्माए देवारी गिनव मात्रा छंद बहर तू […]

प्रेम क्या है, मरज है      या है ये दवा जलता दीपक है ये या है चलती हवा प्रेम पाषाण है फिर ये    खुश्बू है क्यूं गर ये वाचाल है मौन में     क्यों झरा प्रेम मिल जाये तो ये है मारक दवा न मिले तो मरज है […]

गांव की पगडंडियों पर चलकर खड़ंजे से होते हुए मुख्य मार्ग तक आते आते जो शहर को जाता है फिर मुड़ जाती हैं मेरी कविताएं गांव की ओर …… जहाँ मजदूर है किसान है भोर है बिहान है दुनिया है जहान है धान है पिसान है दाने-दाने की मोहताजी है […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।