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कमतर है तो कूटा कर
तगड़ा है तो फूटा कर
जज मुंसिफ सब तेरे हैं
सच्चे को भी झूठा कर
कब तक कागज कोरेगा
दिल पर उनके बूटा कर
ईमानों की कीमत क्या
थोड़ा थोड़ा लूटा कर
जख्मों में जो पिन डाले
तू भी उसके खूटा कर
#दिवाकर
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