ऐ री सखी इस तापमान में,मैं तो अपनी सुध-बुध भूली, माज़ा अब है प्यास बुझाती,आम की अमरैय्या भूली। स्विमिंग पूल में गोते लगाती,पोखर ताल तलैय्या भूली, एसी की मोहे भावे ठंडक,बड़ पीपल की छैयां भूली। लिम्का,सोडा,कोला प्यारा,छाछ और जलजीरा भूली, बंद बोतल का ठंडा पानी,मटके का सोंधापन भूली। ऐ री […]

मेरा भारत महान है, यह बलिदानों की धरती। अम्बेडकर जैसी विभूति से, अपनी किस्मत सँवरती।। १४ अप्रैल १८९१ को, जन्मे प्यारे भीमराव.. रत्नागिरि जनपद में, अम्बावढ़े गाँव।।। गाँव का लड़का पढ़कर, बन गया डॉ.आम्बेडकर। हर कुप्रथा का विरोध, किया उन्होनें डटकर।। समाज सुधार के काम किए, छोड़ के सारे भोग। […]

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माँ शारदे वरदान दो, सद्बुद्धि दो संग ज्ञान दो.. मन में नहीं अभिमान हो अच्छे-बुरे की पहचान दो। वाणी मधुर रसवान दो, मैं मैं का न गुणगान हों.. बच्चे अभी नादान हम, निर्मल एक मुस्कान दो। न जाने कि हम कौन हैं, हमें अपनी पहचान दो.. अल्प ज्ञानी मानो हमें, […]

हर घड़ी कदम बढ़ाते रहो, मुश्किलों के बीच रास्ता बनाते रहो। ठहर कर पानी भी दुर्गन्ध देता है, ठहरो नहीं,ज़िन्दगी में मुस्कुराते रहो। लक्ष्य तक पहुँचना है हर हाल में, ये बात हमेशा दिमाग में लाते रहो। करना है रोशन अगला सवेरा, यह सोच,प्रयास मन में लाते रहो। लाख परिस्थितियाँ […]

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मेरे घर नई कामवाली बाई ने काम शुरु किया जो बहुत गरीब थी। साथ में ४ बच्चे-३लड़की, १ लड़का। मैंने पूछा-आज के समय में इतने बच्चे.. कहने लगी कि, बेटे के इंतज़ार में लड़कियां हो गयी। पति ज्यादा कमाता भी नहीं था। जो कमाता था वो दारु में उड़ा देता […]

दूर-दूर तक जिंदगी के आखरी नजारे देख रहा हूँ, बीमारी की हालत में जाते हुए लम्हें देख रहा हूँ। हर शख्स चेहरे की किताब नहीं,जिसे तुम पढ़ लो, अपने दर्द की नजाकत में मौत के जर्रे देख रहा हूँ। वो एक फरिश्ता आएगा आसमां से,ले जाने मुझे, उसी के आने […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।