पक्षियों की चहचहाहट से, एक एहसास रोज होता है मुझे, सुबह उठते ही घर की मुंडेर पर कुछ दाना-पानी रखने का। होता है यह एहसास, इसलिए भी कि- भोर होते ही पक्षियों का कलरव मुझे चेता जाता है अपने नन्हें बच्चों के साथ चिंच्याते,गुटर-गुं करते। मेरे ये मित्र, आते ही […]

  गजब देश है मेरा भारत,नियम निराले ढोता है, खुद के बनाए नियम का ही नित-२ खंडन होता हैl मंदिर में चमड़े पर देखो,रोक लगाई जाती है, लेकिन अंदर चमड़े वाली,ढोलक पाई जाती हैl जो लाखों का सोना देखो,मन्दिर में चढ़वाते हैं, भीख मांगने आता कोई,उसको सदा भगाते हैंl जो […]

विपिन के वाट्सऐप समूह पर एक वीडियो आया था। सन्देश था-अवश्य देखें और दूसरों के साथ साझेदारी करें। विपिन ने देखा तो दंग रह गया। मन ही मन सोचने लगा कि,यह तो समाज की शांति भंग कर सकता है। वह भागकर पंचायत पहुँचा तो वहाँ उसी की चर्चा हो रही […]

कब तक भारत भू पर ऐसे निष्कपूतों को झेलोगे, केवल कुर्सी के स्वार्थ में आकर लोकतंत्र से खेलोगेl के गाकर पाकिस्तान का जो,अब भी भारत में लेटे हैं, कैसे कह दूँ कि,ये सारे एक बाप के बेटे हैंl अरे मिमियाना अब बंद करो,भाषा बोलो फौलादों की, खाल खींच दो जयचंदों […]

तुम कौन हो ………., जो न जाने कहां से आए और मेरे मन मस्तिष्क पर छोड़ गए एक छाप-सी, तुम कौन हो आखिर जो मेरे शरीर के अंतिम कोने तक एक लकीर खींच गए अपने नाम की…………l तुम कौन हो……………, जो एक झौंके की तरह आए मेरे जीवन में, और […]

बेबस है एक आवाज, लोगों के जर्जर तहखाने में व्याकुल हो उठती है जब कभी कोई, शोर सुनाई देता है डरी हुई,थोड़ी सहमी-सी इन महानगरों के दोहरे आचरण से, जहाँ असत्य का आधिक्य है जहाँ सत्य का मुद्रा से विनिमय उसकी आँखों के सामने होता है, जहाँ हर रोज कोई […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।