सोच रहा हूं कि किताब लिखूं,
शीर्षक में ही सब हिसाब लिखूं।
तू मेरी मदद कर हाथ बँटा,
क्या लिखूं सही-सही बता।
फौजी सैनिक सम्मान लिखूं,
कि मंदसौर गोलीकांड लिखूं।
प्यासी धरती,रुठा आसमान लिखूं,
कर्ज में डूबकर मरता किसान लिखूं।
बन्द बाजार,चक्काजाम या हड़ताल लिखूं,
खुली आंख-कान की अंधी-बहरी सरकार लिखूं।
ईद,दीवाली और रमजान लिखूं,
गले मिल जय-जय हिन्दुस्तान लिखूं॥
#पिंकू राजपूत
परिचय : मध्यप्रदेश के ग्राम बाजनिया (टिमरनी,जिला हरदा) निवासी पिंकू राजपूत शौक से रचनाकार हैं। इनकी रचनाओं में रिश्तों का चित्रण अधिक नज़र आता है।