कोई खाता माता-पिता की सौगंध, कोई खाता बाल-बच्चों की सौगंध। कोई खाता ईश्वर-अल्लाह की सौगंध, कोई खाता गीता-कुरान की सौगंध॥ कोई खाता गंगा-अबे जम की सौगंध, सौगंध  खाकर बन  जाते  हैं  संबंध। कोई सच बोलता है ,तो  कोई झूठ, किसी का जीवन बचा  लेती सौगंध॥ लो  अब  भारत  माता  की […]

चमकते हैं सितारे देख हर रोज। नहीं आती बहारें,देख हर रोज॥ बेईमानी बेईमानी…..मिले मात्र। इमां नर ना सुधारे,देख हर रोज॥ बूढ़ी माँ को अकेला छोड़ जाओ न। जिए किसके सहारे,देख हर  रोज॥ नसीहतें दे नहीं अब आदमी सोच। दिलों में ना उतारें,देख  हर  रोज॥ कहीं सूखा कहीं अतिवृष्टि,की है फ़ौज। […]

     एक जमाना था;भारत को सुपर कम्प्यूटर नहीं दिया गया था। एक जमाना था;भारत के प्रधानी की बात को निर्लक्षित किया जाता था। भारतीयों को गुलाम,पिछड़ा वर्ग के रूप में देखा जाता था।      भारत अब बदल गया है। जो भारतियों को सुपरपर कम्प्यूटर नहीं दिया करते थे,जो […]

-अकाल सूखता जिस्म, धरती की दरारें हत चेतन। झुलसी दूब, पानी को निहारते सूखे नयन। ठूंठ से वृक्ष, झरते हैं परिंदे पत्तों के जैसे। गिद्ध की आंखें, जमीन पर बिछीं वीभत्स लाशें। -बाढ़ एक सैलाब, बहाकर ले गया सारे सपने। उफनी नदी, डूबते उतराते सारे कचरे। मन की बाढ़, शरीर […]

नेता संसद में पड़े,सदा उड़ाते मौज। सीमा पर यारों सुनो,सैनिक मरते रोज॥ भारत माँ के लाड़ले,सच्चे सैनिक वीर। दुश्मन का देते सदा,यार कलेजा चीर॥ फ़ौजी रक्षक देश के,इनसे अपनी शान। निर्भय  होकर जंग में,देते अपनी जान॥ सैनिक भारत देश के,सच में बड़े महान। अपने दिल से कीजिए,सब इनका सम्मान॥ जिनकी […]

कविता का पहले  हुआ,जन्म,सुनो श्रीमान। तब  संस्कृत  में  हैं  बने,मात्रा, छंद, विधान॥ मात्रा, छंद, विधान,बात भाषा की आई। संस्कृत सबकी मात,रीत हिन्दी अपनाई॥ सुनो सखा ‘उत्कर्ष’,काव्य पथ की यह भविता। हिन्दी कहती आप,बाद प्रगटी तब कविता॥                             […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।