तेरी यादों की ले चादर, कि सोया रहूँ मैं रात भर चाहता हूँ मैं बस इतना., कि न नींद आए,न कोई ख्वाब मेरे हाथों में रहे बस तेरा हाथ भर,                        कि,सोया रहूँ मैं रात भरl लड़ जाउँगा मैं फिर, […]

भारत सरकार(गृह मंत्रालय,राजभाषा विभाग) के २३  जून २०१७ के संकल्प के अनुसार महात्मा गाँधी अंतर्राष्ट्रीय हिन्दी विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. गिरीश्र्वर मिश्र तथाकेन्द्रीय हिन्दी निदेशालय के  पूर्व प्राध्यापक-हिन्दी के मूर्धन्य विद्वान व वयोवृद्ध हिन्दीसेवी कृष्णकुमार गोस्वामी प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में गठित हिन्दी की सर्वोच्च समिति ‘केन्द्रीय हिन्दी समिति’ के सदस्य होंगे। समिति का कार्यकाल तीन […]

संतुलन   है  बिगड़     रहा, पर्यावरण का  देखो  आज। विश्व   भर   ही  चिंतित  है, हो  न  जाए    महाविनाश। मुख्य  कारक  रहे हैं   तीन, पर्यावरण  असंतुलन   का। शहरीकरण, उद्योग भी  हैं, कारण  सभी  प्रदूषण  का। हम कहते हैं जिसे विकास, विश्व   भर   […]

हर इक हादसे से सबक…लिया है मैंने॥ तुमसे मिलना भी जैसे..कोई हादसा हो.., मोहब्बत भी की के ज़हर…पिया है मैंने॥ मुमकिन जो था वो हुआ…हो न पाया…, विसाल-ए-यार को ऐसे…सिया है मैंने॥ तुझको मुकम्मल पाने की…कोशिश में.., खुद को ही कहीं पे खो..दिया  है मैंने॥ क्या-क्या ना दिल ने…है चाहा […]

हाँ वो जनवरी 2 ही थी,जब वह मिताक्षरा से आखरी बार मिलने गया था। उसके मन में प्यार को लेकर तड़प-जलन-शिकवा-शिकायत सब कुछ था जिसे वो आज अपनी मीतू के सामने कह देना चाहता था। उसकी याददाश्त भी इतनी जबरदस्त कि,पिछले ७ सालों का हर लम्हा अंगुली पर गिना सके। […]

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क्या हुआ मैं जानती हूँ,अनमनी-सी बात मत कर। सनम कुछ पर्दा नहीं है,अनकही-सी बात मत कर। रे यह साझेदारी है,हमारे बीच की बात है। गली में बात फैलाकर,सनसनी-सी बात मत कर। कुछ राज कहने हैं तुमसे,और कुछ सुनने हैं सनम। बैठ कर बातें करें,अब अनबनी-सी बात मत कर। इस तरह […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।