मिल गए नैन से नैन, भरमा गए, जग हमारे दिलों बीच अरमा गए। मैं उन्हें देखकर क्या करूँ,क्या कहूँ, देखकर वे मुझे,आज शरमा गए॥ फलक से पूर्णिमा का चाँद धरती पर उतारा है, बहुत मासूम सुन्दर शुभ्र कोमल और प्यारा है। भला कैसे बना दूँ मैं उसे गुलजार-ए-महफ़िल, कई रातों […]
व्यासजी धर्म प्रवचनकर्ताओं में सबसे अग्रणी माने जाते हैं,सच्चे मार्ग दर्शक ही गुरु कहलाने के अधिकारी हैं,इसलिए गुरु पूर्णिमा को व्यास पूर्णिमा भी कहते हैं। स्कन्दपुराण-गुरुगीता प्रकरण में गुरु शब्द की व्याख्या करते हुए कहा गया है। ‘गुकारस्त्वन्धकारः स्याद् रुकारस्तेत उच्यते। अज्ञान ग्रासकं ब्रह्म गुरुरेव न संशयः॥’ […]