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ऐ खुदा तू मेरी किस्मत में खुदारा लिख दे, दौलते दोनों जहाँ मेरा इजारा लिख दे। लोग जो तंग अंधेरों की घुटन सहते हैं, रौशनी और उजालों का सहारा लिख दे॥ हर तरफ छाई हुई ग़ुरबतो नादारी है, इनकी तक़्दीर मेरे मौला दोबारा लिख दे। (शब्द अर्थ : खुदारा=छोटी-छोटी वस्तुएँ […]

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सड़क भी बोलती है, बहुत कम ही सही अपने लबों को खोलती है, सुर्ख हो जाते हैं, पर शिकायत तब भी नहीं.. अपने सीने पर लगे घावों को बताती नही, बारिश का पानी भर आता है उनमें टीसता है जैसे, घावों पर नमक बरबस आपका ध्यान खींचती नही। एक पत्ते […]

आँगन-आँगन उग रहे,भौतिकता के झाड़। संस्कारों की तुलसियाँ,फेंकी गई उख़ाड़॥ मन में जब पलने लगें,ईर्ष्या द्वेष विकार। तब निश्चित ही जानिए,नैतिकता की हार॥ जिनका जीवन मंत्र है,कर्म और पुरुषार्थ। वे जन ही समझे सदा,धर्मों का भावार्थ॥ जिनके मन पैदा हुआ,वैचारिक भटकाव। डूबी है उनकी सदा,भवसागर में नाव॥ कर्म भूल जब-जब […]

हे शिव शम्भू इस श्रावण में कैसे तेरा गुण गान करुं। भक्तों की लाशों पर चढ़कर कैसे तुझे प्रणाम करुं॥ निर्दोषों की बलि चढ़ाकर अत्याचारी मुस्काते हैं। तेरे मंदिर के रस्ते में मासूम गोली से भूने जाते हैं। हे शिव शंकर आतंकी मंसूबों को कैसे नाकाम करुं। भक्तों की लाशों […]

डगमग-डगमग करती चली, बरसात में  कागज की नाव। बचपन की याद दिलाती ये, बहती हुई  कागज की नाव॥ कौन जीतेगा , कौन हारेगा, लगाते नावों पर  ऐसे  दांव। बहती  रहती बिना पतवार, खेल-खेल में दूर करते तनाव॥ मुश्किलों में  भी डटे  रहना, सिखाती है हमें बहती नाव। जिंदगी का यही […]

जुल्म न करो तुम बेटी पर,प्यार करो सम्मान दो.. प्यार करो गले लगा लो, इस नन्हीं-सी जान को। बेटी घर की मुस्कान है, बेटी घर की शान है.. जीने दो आजादी से, क्या इसने किया गुनाह है.. दुनिया के संग चलने दो, पाएगी अपनी पहचान को नाम करेगी रोशन, छुएगी आसमान […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।