वक्त है कि थमता नहीं, वह किसी की सुनता नहीं। वह चलती है अपने आप, उसे किसी की परवाह नहीं॥ किसी के लिए रुकता नहीं, वह किसी का मोहताज नहीं। दिन-रात तो चलती रहती, वक्त किसी की सोचता नहीं॥ चाहे हों हम खुशी या गम में, वक्त कभी यह देखता […]

तरोताज़ा सुघड़ साजा,सफ़र नित ज़िन्दगी होगा; जगत ना कभी गत होगा,बदलता रूप बस होगा। जीव नव जन्म नित लेंगे,सीखते चल रहे होंगे; समझ कुछ जग चले होंगे,समझ कुछ जग गए होंगे। चन्द्र तारे ज्योति धारे,धरा से लख रहे होंगे; अचेतन चेतना भर के,निहारे सृष्टि गण होंगे। रचयिता जान कुछ लेंगे,बिना […]

तेरा परिचय जानूगाँ अब’ दूर कहीं सम्बन्धों से। मैंने तुझको मुक्त कर दिया’ प्यार भरे अनुबंधों से। पूछ रही मेरी जिज्ञासा’ मधुमय मिलन कहाँ पर होगा। पूछ रही है प्रीत ये प्यासी’ निर्मल जलधि कहाँ पर होगा। हम प्रेम नगर का पता पूछते’ फिर सावन के अँधों से। मैंने तुझको […]

    कई वर्षों बाद अपने गाँव जाऊंगा, जाऊंगा और मिलूंगा सबसे… आराम से अपने गाँव,मोहल्ला,स्कूल,पीपल का पेड़, काका-काकी,अपने खेत-खलिहानों,पुराने कुए, कालू बनिया और महुए का पेड़ सबसे… और सभी तो याद है लगभग पर भूल चूका हूँ, महुए का पेड़ उसकी लम्बाई उसका आकार पत्तियां और उसकी जगह, क्योंकि […]

यहाँ इंदौरी फ़िल्म है जो सिनेमाघरों में  ‘जग्गा जासूस’ के सामने प्रदर्शित हुई है। राघवेंद्र तिवारी की कहानी पर आसिफ काजी के संवादों से सजी फ़िल्म में मुम्बई ओर इंदौरी कलाकारों को एकसाथ देखने को मिला है। निर्भयसिंह के निर्देशन में इस फिल्म ‘घण्टा चोरी हो गया’ को विक्रमसिंह गुर्जर […]

2

मेरी माँ ने पढ़ा है जाने कौन-सा शास्त्र, कम रुपयों में भी बदल डाला पूरा अर्थशास्त्र। जाने कौन-सी तरक़ीब लगा दी, वस्तु विनिमय की नींव हिला दी। ग़ुरबत में आय न थी न लाभ की उम्मीद, उनकी बचत की परिभाषा का मैं बन बैठा मुरीद। बचत की परिभाषा कुछ इस […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।