माँ शारदे माँ सरस्वती मेरी कलम में ऐसी धार दे, लिख सके सच्चाई जो मुझे ऐसा अनमोल उपहार दे। बलिदानियों  के त्याग गाथा को सच्चा यशगान दे, देशद्रोहियों की गोली खुद उनके सीने के पार दे। माँ शारदे माँ सरस्वती मेरी कलम…॥ राह कठिन हो अगर डगर की,उसे सुगम बना […]

भाग -१ पात्र-राकेश(सुमन के पापा) कुसुम-(राकेश की पत्नी) सुमन -नायिका (अपाहिज) राकेश का एक सपना था कि,वो अपनी होने वाली सन्तान को बैडमिंटन खिलाड़ी बनाए। यह सपना राकेश के पिताजी का था,जो उन्होंने राकेश के लिए देखा था, परन्तु उसके बचपन में ही पिताजी के गुजर जाने के बाद उसके […]

चलो सजन कहीं दूर चलें, पलकों में मीठा स्वप्न पले मन-मयूर हर्षित हो जाए, कोयल मीठा गीत सुनाए। नील गगन की छाँव तले, पलकों में मीठा स्वप्न पले। धरा-गगन मिल जाते हों, सब राग प्रेम का गाते हों। अधरों पर केवल मुस्कान खिले, पलकों में मीठा स्वप्न पले। राग-द्वेष का […]

याद किया फिर सावन में, उस अलबेले साजन ने।  मंद पवन के झोंकों में,  इन काले-काले मेघों ने।  इन रिमझिम-रिमझिम बूँदों में,  इन खिलते-खिलते फूलों ने।  यह सुगंध तन श्रंगार भरी,  यह सजनी साजन द्वार खड़ी।  मौसम की यह अंगड़ाई,  देख सखी सावन आई।             […]

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मर्यादा के गढ़ गिरे,मानव हुआ स्वतंत्र। रिश्ते नाते भूलकर,जपे स्वार्थ का मंत्र ll मानव की कीमत नहीं,मँहगा हुआ पदार्थ। भौतिकता के बोझ में,दबा हुआ परमार्थ ll वातायन गायब हुए,घर-घर हुआ उदास। गौरैया ने कर लिया,घर के बाहर वास ll हाँफ रही है ज़िंदगी,हुआ तवे-सा गाँव। कुछ रुपयों में बिक गई,वट,पीपल […]

न कहीं धूप,न कहीं अब छाँव है,  दिख रही  रिमझिम फुहार है।   बगीचे तले डाली-डाली फूल झूमे, आपस में लिपट-लिपट गाल चूमे.. तितलियाँ रँगीली इधर-उधर घूमे, डालियाँ लताएं भी सारे गम भूलेl    क्यारियों में डूबे जहाँ सूखे पाँव है, वहीं दिख रही रिमझिम फुहार है।   सड़कों पर […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।