होकर भुजंग ने दंभ ग्रस्त,राजा के पैर में काट लिया, राजा पल भर ही तड़पा,विष ने जीवन को घेर लियाl वो राजा कोई और नहीं,वो तेज प्रतापी परीक्षित था, जो गर्भ में मरकर भी साथी श्रीकृष्ण कृपा से जीवित थाl लेकिन वो सर्प था दंभ ग्रस्त,अपने विष में वो बड़ा […]

न हिजरत कर…… न आँसू बहा, अगर करना है कुछ,तो बस इंकलाब ला। ये सिस्टम है……नामर्दों का, जरूरत है जवानों की,अब जाग जा.. अब जाग जा। यहाँ बिकती है कुर्सी,यहाँ शासन लुटेरों का, ये पहुँचे हैं यहाँ तक,बेच कर अपना ईमां न हिजरत कर……. न आँसू बहा.. अगर करना है […]

हे सखी,गजरा ये कहाँ से लाई, जो अपनी लटों में है तूने उलझाई। कितना सुंदर,कितना प्यारा गजरा, कितना सुंदर,डाला तुमने आंखों में कजरा। ये महकता गजरा,ये बहकता कजरा, बनाता है तुम्हारे रंग-रूप को सुनहरा। ए सखी एक गजरा मुझे भी दिलाना, मेरे भी रूप को यूँ ही गजरे व कजरे […]

तुमसे ही चलती हैं साँसें,तुम जीवन का आधार प्रिये, तुमसे ही जगमग जीवन है,तुम प्राणों का संचार प्रिये। तुम आओ जीवन में मेरे,मैं मानूँगा उपकार प्रिये, तुम तक ही सारा जीवन है,तुमसे ही ये संसार प्रिये। तुम बूंदें हो,तुम ही बादल,तुम ठंडी एक फुहार प्रिये, तुम तक ही सब रिश्ते […]

निज तप से शिव को प्रसन्न कर शिवलिंग ले लंकेश चला। हरि प्रेरित माया से लिंग रख रावण दिशा निवेश चला॥ लघुशंका से हो निवृत्त जब लिंग लगा उठाने वह। सारी शक्ति लगा दी लेकिन किंचित भी न लिंग टला॥ कहलाई वह भूमि देवधर सती हृदय की राशी का। मनोकामना […]

मन में उमड़ते-घुमड़ते अनकहे शब्दों को मसल डालो, गूंथ डालो कुम्हार की गीली माटी की तरह, और चढ़ा दो मन की चाक पर रचने के लिए नित नए बर्तन, खिलौने देते हुए संदेश सकारात्मकता तथा मानवता का ताकि, बचा सकें खुद को अनचाही,अनकही थकान से।           […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।