शिकवे-शिकायत करके अपना चैन क्यों खोएंगे हम, तुमने अगर ठुकरा दिया तो उम्र भर सोएंगे हम……..। कुछ लोग ऐसे हैं यहाँ जो पीठ में फन गाड़ते, जितने भी विषधर हैं यहाँ,सबको अभी धोएंगे हम………। लोगों में इतना दम नहीं के वो हमें अपमान दें, जब तक उसूलों की फ़सल चैतन्य […]

प्रभु जी ऐसा मेरा देश बना दो, जिसकी धरा पर पुण्य बसा हो। झूठ बोलना जहाँ पर मना हो, जहाँ सत्य का डंका बजता हो। काम,क्रोध,लोभ,मोह,अहंकार, जहाँ ये पाँच तत्व न पलते  हों। प्रभु जी ऐसा मेरा…॥ जहाँ हर घर में एक शिवालय हो, जहाँ मात-पिता का आदर हो। गुरुजनों […]

आओ जन्म भूमि की वंदना करें, राष्ट्र  वंदना करें। शस्य श्यामला धरा प्रबुद्ध शुद्ध हो, रोटी,कपड़ा और मकान सर्व सिद्ध हो, हर नवजात एक कृष्ण बुद्ध हो, कृष्ण बुद्ध हो। एक विशिष्ट राष्ट्र की कामना करें, आओ वंदना करें। वरदहस्त हमपे भारती का रहे, हर जगह प्रकाश आरती का रहे, […]

न पीते गर तुम शराब,गांजा तो सोचो क्या होता, तुम्हारे बीबी,बच्चे कितने रहते खुश और क्या-क्या होता। तुम्हारे बच्चे अच्छे स्कूल में पढ़ते,नहीं कभी सिर नीचे होता, सभी के सामने पापा को लाने में नहीं कोई झिझकपन होता। खूब, हंसते-हंसाते,संग में अपने मम्मी-पापा के,और कितना मजा होता, तुम भी अपने […]

पानी प्रत्येक प्राणी के लिए अनमोल है,इसकी दिन-प्रतिदिन कमी धरती के लिए खतरा बन गई है l कुछ स्थान ऐसे भी है,जहाँ  लोगों को पीने का पानी बमुश्किल ही मिल पा रहा है l राजस्थान में कुछ जगह तो औरतें  दूर-दूर से मटके सिर पर रखकर पीने का पानी पैदल […]

आज मैं कानपुर के तुलसी उपवन में हूं। अब से ३६ साल पहले इस उपवन की स्थापना पं. ब्रदीनारायण तिवारी ने की थी। महाकवि तुलसीदास के प्रति तिवारीजी इतने समर्पित हैं,श्रद्धा से इतने भरे हुए हैं,उनके प्रेम में इतने पगे हुए हैं कि,अगर वे शाहजहां होते तो तुलसी की याद […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।