बगल में पाक  चीन,धरकर    वेष  मीन, पाने को है सियाचीन,आज आर-पार हो। राष्ट्र शांति वार्ता छोड़,ड्रैगन के शीश फोड़, अस्त्र-शस्त्र सैन्य जोड़,वैरी  तार-तार हो। भारती  की है पुकार,हृदय में ले हुंकार, करे  सब  जयकार,नस-नस  ज्वार हो। राष्ट्रभक्त  कविगण,कर चेतना सृजन, दिनकर भान बन ,शब्द-शब्द  सार हो॥       […]

     पांच भाइयों  की लाड़ली बहिन है वह। माता-पिता के बाद भी सब उसे घर बुलाते,प्यार से उपहार देते। भाभियाँ भी श्रृंगार का पूरा सामान देती। भतीजे और भतीजियाँ बुआ- बुआ करते न थकते।       अचानक सम्पत्ति  को लेकर मनमुटाव हो गया। छोटे भाई जो न्यायाधीश हैं,वो […]

कहते हैं कहने दो हम नादान थोड़ी हैं, हम वतनपरस्त हैं कोई बेईमान थोड़ी है। जब दिल चाहेगा हमें खरीद लोगे क्या, ये हमारा दिल है कोई सामान थोड़ी है। लगती है आग तो बनते हैं तमाशाई, ये लोग बड़े हैवान हैं इंसान थोड़ी हैं। मैं जानता हूँ उसकी फितरत […]

कि अब नहीं उड़ती धूल मेरी गली में, नहीं गूंजता बच्चों का शोर मेरी गली में। न कोई कुल्फी वाला,और न चाट वाला, अब कोई नहीं आता जादू दिखाने वाला। अब नहीं खेलते बच्चे रेस टीप गिल्ली, डंडा भौंरा बॉटी, अब नहीं दिखते बच्चे लोटते धूल में और लपेटे माटी। […]

वक़्त फिर किस्मत पे भारी हो गया है, चाँद रातों का शिकारी हो गया है॥ बादशाहत ख्वाब की जागीर थी बस, इश्क़ में ये मन भिखारी हो गया है॥ अनमनी-सी नाचती है जिंदगी भी, झूठ उनका जो मदारी हो गया है॥ पाई-पाई बेच देंगे इस खुशी में, के सनम मेरा […]

तू क्या जाने तुझे कितना प्यार करूँ मैं, इक बार नहीं ,सौ बार करूँ मैं | गुस्सा तुमसे  करता हूँ अपना समझ के, इस बात का डर लगता है, दूर न हो जाओ कहीं तुम मुझसे| दूर न होना  मुझको तुम  बेगाना समझ के, जीना मुश्किल हो जाएगा बिछुड़  के तुझसे| […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।