तू क्या जाने तुझे कितना प्यार करूँ मैं,
इक बार नहीं ,सौ बार करूँ मैं |
गुस्सा तुमसे करता हूँ अपना समझ के,
इस बात का डर लगता है,
दूर न हो जाओ कहीं तुम मुझसे|
दूर न होना मुझको तुम बेगाना समझ के,
जीना मुश्किल हो जाएगा बिछुड़ के तुझसे|
तू क्या जाने तुझे प्यार करूँ मैं,
इक बार नहीं,सौ बार करूँ मैं |
प्यार भी तुमसे,तकरार भी तुमसे,
नाराज न होना तुम प्रिये,
मेरी जिंदगी की बहार है तुमसे|
भूलकर भी साथ न छोड़ना,
पागल हो जाऊंगा,
अगर जो टूट गई जिंदगी की डोर तुमसे|
तू क्या जाने तुझे कितना प्यार करूँ मैं ,
इक बार नहीं,सौ बार करूँ मैं |
मैं गुस्सा करता हूं, तो तुम उदास होती हो ,
अकेले में तुम सिसक-सिसक के रोती हो|
तुम भी ना रोती मेरे गुस्से पे अगर पता होता तुमको,
परवाह तुम्हारी हर पल रहती मुझको,
हर पल दिल में होती हो |
तू क्या जाने तुझको कितना प्यार करूँ मैं,
इक बार नहीं,सौ बार करूँ मैं |
#किशोर सकलानी
परिचय :२६ वर्षीय किशोर सकलानी उत्तराखंड के चम्पावत जिले के सकदेना गाँव में रहते हैं | आपकी शिक्षा १२वीं तक हुई है| वर्तमान में दिल्ली के जहाँगीर पूरी में निवास है| स्टील पाइप के कारखाने में पर्यवेक्षक पद पर कार्यरत हैं|