दिमाग के किसी उर्वर भाग में वह फूटा था ठीक जैसे फूटता है दाना जमीन को फोड़कर। ठीक वैसा ही स्वागत किया था मैंने उस नवजात का जैसे करता है किसान निहारता बढ़ता पहला कदम दानों का फसलों की ओर। उसी तरह बढ़ाने लगा था पींगें मेरा मन भी जैसे […]

ये मत समझ लेना कि, कंस और कारावास सिर्फ  वहीं  है जहाँ कृष्ण  है। सच  तो यह है कि, कंस और कारावास के बिना अधूरा हर प्रश्न है। जब मरती है एक के बाद एक सात संतानें, तब आठवें नम्बर पर जन्म पाता है कृष्ण। ठीक वैसे ही जैसे, जब […]

दीनों इमां के वास्ते लाई गई ग़ज़ल, लैला के इश्क़ में भी डुबाई गई ग़ज़ल। वादों से जब अवाम का था पेट न भरा, रोटी के लिए खूँ से लिखाई गई ग़ज़ल। मादरे वतन पे जब भी आंच आई तो, गंगो जमन की राग में गाई गई ग़ज़ल। इंसानियत का […]

कंचन जैसे शब्दों का जब, सुख संयोजन होता है, मंगलभाव भरे हों जिसमें, पुण्य प्रयोजन होता है। अंतस का नेह अगर हमें जो, नयनों में दिख जाए तो, ऐसे सफल प्रयासों से, श्रृंगार गीत का होता है॥ दीन-हीन की पीड़ा के जब, अश्क नयन में आते हैं, देख बिलखते बच्चों […]

न पीरों को पूजूं, न देवों को, बस तिरंगे का पुजारी हूँ। भारत की आन-बान-शान है, वर्षों की गुलामी की दास्तान है। खून से सींची वीर शहीदों ने, भारत भूमि की पहचान है। कण-कण में बसा एक ही नाम, तीन रंग के तिरंगे तुझे सलाम। रंग केसरिया त्याग बलिदान वीरता […]

हे !  ईश  मुझको  तू  बुला ले। अंक    में   अपने   सुला   ले॥ क्यों  तमस का नित गर्त देखा। सच  हुई   कब  हस्त – रेखा? झूठ  कब   तक  है  मुस्कराना? क्यों  भ्रमित  जीवन   बिताना? तोड़कर   भव –  सम्बन्ध  सारे, चाह      तेरे […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।