जन्नते नजर की फिक्र में जिंदगी तमाम हो गई, दर्द से सुकूँ नहीं मिला,नींद भी हराम हो गई। देख भर लिया है ख्वाब में बस यही गुनाह कर दिया, लोग मुझसे पूछने लगे-बात इतनी आम हो गई। खुद ही शर्म आ रही मुझे रहमतों की मांगते दुआ, क्या करूं ये […]
जिस माता-पिता ने, दिया हमें जीवन फूल जैसा, किया लालन-पालन और हमारे, सभी दु:ख-दर्द ‘बाँटे’। लानत है, मनुज की, इस वृत्ति पर। बात ही बात में, उन्हें ताने दे-देकर, हम ही चुभा रहे, ‘काँटे’ […]
हारते हम नहीं, हारते हैं हमारे सपने। हम क्यूँ देते, इतनी अहमियत, अपने सपनों को। सपने सच नहीं, सच है ये , इक, मृगतृष्णा, इक भँवर। और, उस भँवर में, फँसे हम, न जाने किस राह निकल पड़ते ?? सपने रोज़ बदलते, अपना रंग-रुप इक बहुरुपिए की तरह। न कोई […]
अनुपम है चिर नूतन न्यारा। अमिट अमर प्रिय! प्रेम हमारा॥ रुदन हासमय गंध लिए मन, दुर्गम पथ का कर अभिनन्दन। मखत्राता मृत्युंजय बनकर, कालवलय से लड़ता तनकर॥ कर विजित समर जीवन सारा। रणबाँकुरा सुकोमल प्यारा॥ अनुपम है चिर नूतन न्यारा। अमिट अमर प्रिय! प्रेम हमारा॥ त्रयताप नहीं मन की थाती, […]
हिन्दी नारी की बिंदी है, उससे अंगार निकलने दो ये मन-से करुणा है हिन्दी, जन-जन का सपना है हिन्दी। भावों की तूलिका है हिन्दी, बिटिया की लोरी है हिन्दी माँ-सी आहट है हिन्दी, फौजी की भाषा है हिन्दी। हिन्दी जीवन का गहना है, बस ये ही तुमसे कहना है, अब […]
किन्नर में समाए नर और नारी से सीखो तुम, उस बसे अर्ध नर से सीखो तुम। हंसी निकलती है इन्हें देख,इन्हें हंसाना सीखो तुम, नर-नारी का दोनों है वो रुप उन्हें अपनाना सीखो तुम। रब की कृति सुंदर है,इस कृति को प्यार करना सीखो तुम, हर स्थिति में इनसे खुश […]
मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए।
आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं।
कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।