आयो सावन को तेवार,मन में हरस अपार आँगन झूला पड़ी गया,बेटी बेगी आवजे l  माता करे मनवार,पिता देखे डेली द्वार, भाई करे इंतजार,बेटी बेगी आवजे l  बेन्या हंसी खुसी नाचे,भावज लाई पेरवास, सखिया आई दिन चार,बेटी जल्दी बेगी आवजे l  तू तो आँगन को सिणगार,माँ की गोदी को दुलार, थारा […]

रजत रंजनी तेरे मुख पर, चमक नहीं अब आएगी। तड़प-तड़प कर गुमसुम यूं ही, घुट-घुटकर रह जाएगी। एक गुफा जहाँ नहीं उजाला, ये कैसे बतलाएगी। रजत रंजनी तेरे मुख पर, चमक नहीं अब आएगी। कुछ बातें मैं यूं ही जानता, मुझसे क्या छिप पाएगी। ढँक-ढँककर बढ़ती है तड़पन, मुझको क्या […]

सही    देश   की   आज   हालत नहीं है, किसी   को   किसी  से  मुहब्बत नहीं है। बहू    बेटियों   की    यहाँ   आबरू  भी, अगर   सच   कहूँ  तो   सलामत नहीं है। हम   एक    से   हैं   मुसलमान   […]

आरक्षण को स्वतंत्र भारत के संविधान में एक समाधान के रूप में शामिल किया गया था,परन्तु आज उसी आरक्षण ने समस्या बनकर पूरे देश को हिलाकर रख दिया है। अंग्रेजों की गुलामी से आज़ाद हुआ,तब भारतीय समाज जातीय व्यवस्था पर आश्रित थाI दलितों के साथ उचित न्याय हो सके,उन्हें भी समाज […]

आई बारिश की फुवार,झूमे–झूमे म्हारो मालवो, म्हारा मालवा को कई केणों,यो तो है दुनिया को गेणों इका रग-रग मे बसयो है दुलार,झूमे झूमे म्हारो मालवोl आई बारिश की……ll मालव माटी गेर गंभीर,डग-डग रोटी पग-पग नीर, यां की धरती करे नित नवो सिंगार, झूमे-झूमे म्हारो मालवोl आई बारिश की……ll यां की […]

जब एक दूसरे की,सोच समान हो, जब एक को,समझने का ज्ञान हो। जब एक दूसरे का,सम्मान हो, तब उस दोस्ती पे,अभिमान हो॥ जब किसी को कोई,तकलीफ हो, तो उसके लिए,हाजिर जान हो। जब कोई समस्या हो, तो उसका तुरंत,आपस में निदान हो॥ दोस्ती स्वार्थसिद्धि की,कोई पूँजी नहीं, बल्कि एक दूसरे […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।