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जब एक दूसरे की,सोच समान हो,
जब एक को,समझने का ज्ञान हो।
जब एक दूसरे का,सम्मान हो,
तब उस दोस्ती पे,अभिमान हो॥
जब किसी को कोई,तकलीफ हो,
तो उसके लिए,हाजिर जान हो।
जब कोई समस्या हो,
तो उसका तुरंत,आपस में निदान हो॥
दोस्ती स्वार्थसिद्धि की,कोई पूँजी नहीं,
बल्कि एक दूसरे के लिए।
मर मिटने का अज्ञान हो,
दोस्ती कुछ खिलौनों के,
साथ रहने की कहानी नहीं।
बल्कि हर रिश्ते से इसे ऊपर रख,
इसके लिए सब कुछ कुर्वान हो।
तब ऐसी दोस्ती का मान हो॥
#प्रभात कुमार दुबे
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