पर्वत की व्यथा

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namita dube
एक पर्वत खड़ा चुपचाप,
आप ही जलता मन में लेकर संताप
मैंने पूछा-क्यों हो तुम चिंतित निशब्द ?
लगता है जैसे बैठे हो कोसने अपना प्रारब्ध।
वह बोला उदास मन से-लगता है जैसे
मानव को अब नहीं है मेरी जरुरतI
वह जा पहुंचा है मंगल पर,
क्यों देखे अब मेरे घाव॥
सोचा था वरदान पाकर सेवा करूंगा जन-जन की,
क्या पता था परहित में,मैं ‘पर’ से ही लुटा जाऊंगा।
प्रकृति ही जीवन है,यह जान वह झल्लाया,
ईश्वर ने जो दिया,उसे उपहार पाकर बौराया।
मानव भस्मासुर बनकर सारी बातें भूल गया,
अपने आशियाने के लिए,मुझे ही उजाड़ दिया।
मेरी सुन्दरता को निहारते थे लाखों सैलानी,
अब यहाँ पड़े कचरे को देख दे गए मुझे वीरानी॥
हे मानव ! जान ज़रा तू मेरा मोल,
यूँ न उजाड़ यह तोहफा अनमोल
नहीं मिलेगी नदिया,लकड़ी,औषधि’ ऊर्जा,
न मिलेंगे पर्यटन के ख़ूबसूरत नज़ारे,और वर्षा
भले पहुचो तुम चाँद या मंगल,
और बना लो अनेक उपग्रह
जिस प्रकृति ने तुम्हें प्रगति दी है,
अब तो समझो तुम उसका मोल॥

                                                                        #नमिता दुबे

परिचय : नमिता दुबे  इंदौर की निवासी हैंl आप शिक्षिका के पद पर कार्यरत हैं और रचनाएं-लेख लिखने का काफी पुराना शौक रखती हैंl अभी करीब एक वर्ष से अधिक सक्रिय हैं,क्योंकि पात्र-पत्रिकाओं में इनका सतत प्रकाशन हो रहा है I 

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आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।